पीएम मोदी का राष्ट्र को सम्बोधन - ‘जब तक युद्ध चल रहा है हथियार न डालें, सतर्कता के साथ मनाएं दिवाली’
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 100 करोड़ के आंकड़े को पार करने का फायदा ये होगा कि दुनिया, भारत को अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित मानेगी.दुनिया में भारत का एक अलग प्रभाव पड़ेगा, साथ ही भारत के फार्मा हब पर दुनिया का विश्वास बढ़ेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब शुक्रवार (22 अक्तूबर) को देश के सामने आए तो यही अनुमान थे कि वह कोरोना के सौ करोड़ टीकों की उपलब्धि पर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने भी देशवासियों को इस उपलब्धि की बधाई देते हुए 20 मिनट तक राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इसके साथ वैक्सीन के अब तक के सफर में आई चुनौतियों और उससे निपटने की भारत की उपलब्धियों को बताते हुए आलोचकों को करारा जवाब दिया।
बीमारी भेदभाव नहीं करती.
पीएम मोदी ने कहा कि एक ही लक्ष्य रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं होगा. कोई कितने ही बड़े पद पर क्यों न रहा हो, उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह ही मिलेगी. हमारे देश के लिए ये भी कहा जा रहा था कि यहां ज्यादातर लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आएंगे ही नहीं. दुनिया में कई देशों में वैक्सीन हैजिटेंसी बड़ी चुनौती बन गई. आज 100 करोड़ वैक्सीन डोज लेकर लोगों ने दुनिया को निरुत्तर कर दिया.
कोविन दुनिया के लिए आकर्षण केंद्र
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारतीय कंपनियों को न केवल रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है, बल्कि रोजगार सृजन भी हो रहा है. स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड निवेश के साथ-साथ रिकॉर्ड स्टार्टअप यूनिकॉर्न भी विकसित किए जा रहे हैं. हमारे देश ने कॉविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनाई है, वो भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है. भारत में बने कॉविन प्लेटफॉर्म ने न केवल आम लोगों को सहूलियत दी, बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है.
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जनभागीदारी बनी बड़ी ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया. देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा.
जब तक युद्ध चल रहा है हथियार न डालें
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली दिवाली हर किसी के मन में एक तनाव था, लेकिन इस दिवाली 100 करोड़ वैक्सीन डोज के कारण एक पैदा हुआ विश्वास है. अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं. कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा से पूरी गारंटी हो तो भी जब तक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते. मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है.