लखनऊ: पुलिस ने बंद कर दी थी फाइल… एक इत्तेफाक से पकड़ा गया इनामी ठग, सचिवालय के बाहर खड़े होकर बनाता था शिकार
वर्ष 2019 में दर्ज ठगी के एक मामले में पुलिस ने दो साल जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा मुकदमा बंद कर दिया था। मगर पीड़िता की कोशिशों से गुरुवार को लगभग पांच साल बाद हरबंशमोहाल पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ शुरू हुई तो सामने आया कि आरोपी ने नौकरी का झांसा देकर एक नहीं बल्कि दर्जनों लोगों से ठगी की है।
वर्ष 2019 में दर्ज ठगी के एक मामले में पुलिस ने दो साल जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा मुकदमा बंद कर दिया था। मगर, पीड़िता की कोशिशों से गुरुवार को लगभग पांच साल बाद हरबंशमोहाल पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ शुरू हुई तो सामने आया कि आरोपी ने नौकरी का झांसा देकर एक नहीं बल्कि दर्जनों लोगों से ठगी की है और उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज है। पुलिस आरोपी के खिलाफ दर्ज अन्य मुकदमों की भी जांच कर रही है।
यह है पूरा मामला
नारियल बाजार निवासी शोभा वर्मा ने अक्टूबर 2019 में हरबंशमोहाल थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के पास उनकी मुलाकात खुद को कृषि विभाग में अधिकारी बताने वाले उदित रंजन अवस्थी से हुई थी।
उसने कृषि विभाग में लिपिक की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 1.88 हजार रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था। ठगी की जानकारी के बाद शोभा ने कूटरचित दस्तावेजों से धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस की जांच में उदित का फोन नंबर दूसरे के नाम पते पर निकला। काफी तलाश के बाद भी पता न चलने पर पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया था।
वर्ष 2021 में मुकदमा दर्ज होने के बाद वर्ष मई 2022 में शोभा परिवार के साथ मथुरा गई थी, वह वहां पर वह जिस होटल में ठहरी थी, उसमें वह ठग भी था। हालांकि, शोभा को देखकर वह भाग गया।
शोभा की सूचना पर कमिश्नरेट पुलिस ने बंद पड़े केस को दोबारा खोला और जांच शुरू की। मथुरा के होटल में दर्ज पते पर पुलिस पहुंची तो वहां पता चला कि सालों पहले वह उस ठिकाने को छोड़कर जा चुका है।
इसी बीच स्थानीय लोगों से उसे पता चला कि उदित का एक प्लाट को लेकर मथुरा की अदालत में केस चल रहा है। जांच पड़ताल में सामने आया कि दूसरा पक्ष उसका सगा भाई है, लेकिन वह भी नहीं जानता था कि उसका भाई कहां रहता है।
एक दिन तारीख पर कमिश्नरेट पुलिस ने उसे मथुरा कोर्ट से पकड़ने की कोशिश की, पर वह भाग निकला। हालांकि, कोर्ट की फाइल पर एक मोबाइल नंबर मिला, जिसे सीडीआर पर लेने के बाद सामने आया कि संजय दुबे उर्फ उदित रंजन उर्फ आनंद कृष्ण कल्याणपुर के मिर्जापुर खडंजा में किराए का मकान लेकर रह रहा है। इसके बाद गुरुवार को पुलिस ने कल्याणपुर केसा चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था।
सचिवालय के पास रहकर बेरोजगारों को फंसाता था
पूछताछ के दौरान संजय ने बताया कि वह सचिवालय के पास रहकर बेरोजगारों को आसानी से ठगी का शिकार बनाता था और अफसर बनकर उन्हें नौकरी का झांसा देता था। यही नहीं उसने लखनऊ के पारा में रहने वाली एक युवती को नौकरी झांसा देकर उससे लाखों की ठगी कर दुष्कर्म भी किया। इस पर युवती ने पारा थाने में दुष्कर्म और ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
संजय पर ठगी और दुष्कर्म के कुल आठ मुकदमे दर्ज हैं। उस पर शहर के कल्याणपुर, कोतवाली के साथ ही कन्नौज, कानपुर देहात के रूरा, लखनऊ के गौतमपल्ली और पारा थाने में मुकदमे दर्ज हैं।