पुलिस ने खंगाला अतीक-अशरफ के हत्यारोपितों का बैंक खाता, गांव पहुंच स्कूल से ली जानकारी
प्रयागराज पुलिस ने माफिया अतीक- अशरफ के हत्यारोपित सनी लवलेश व अरुण के स्कूल पहुंचकर जानकारी ली। पुलिस ने हत्यारोपितों के बैंक खाते को खंगाला। इस दौरान किसी के बैंक खाते में बड़ी रकम नहीं मिल पाई। हत्याकांड के मुकदमे में तीनों आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है लेकिन विवेचना अभी प्रचलित है।
पुलिस ने माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के हत्यारोपितों के गांव पहुंचकर बैंक खातों को खंगाला है। साथ ही उनके स्कूल समेत अन्य स्थानों से जानकारी ली गई है। शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या का असली आधार कार्ड जहां-जहां से बना था, उसके बारे में भी छानबीन की गई है। तफ्तीश में पता चला है कि पिछले छह माह में हत्यारोपित या उनके परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते में बड़ी रकम का लेनदेन नहीं हुआ है।
एसआइटी कर रही अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच
अतीक और अशरफ हत्याकांड की विवेचना पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) की ओर से की जा रही है। हत्याकांड के मुकदमे में तीनों आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है, लेकिन विवेचना अभी प्रचलित है। बताया गया है कि दो दिन पहले क्राइम ब्रांच की एक टीम हमीरपुर निवासी सनी सिंह, बांदा के रहने वाले लवलेश तिवारी और कासगंज के अरुण मौर्या के घर पहुंची। परिवार वालों से पूछताछ करते हुए उनके बैंक खाते के बारे में जानकारी ली।
बैंक जाकर यह पता लगाया गया कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या के बाद आरोपित व उनके परिवार के सदस्यों के खाते से कितने का लेनदेन हुआ है। इसके बाद पुलिस टीम तीनों के स्कूल पहुंची, जहां से उन्होंने पढ़ाई की थी। स्कूल प्रबंधन से जानकारी लेने के बाद असली आधार कार्ड बनाने वाले के बारे में भी पूछताछ की गई। दो दिन तक तफ्तीश के बाद क्राइम ब्रांच की टीम वापस लौट आई है। काल्विन अस्पताल में 15 अप्रैल की रात अतीक व अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी। तीनों आरोपित इस वक्त प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं।