कुछ ऐसा था नेता जी का राजनीतिक सफर, 28 साल की उम्र में पहली बार बने थे विधायक
28 वर्ष की उम्र में पहली बार साल 1967 में अपने गृह जनपद इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे मुलायम सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है.
28 वर्ष की उम्र में पहली बार साल 1967 में अपने गृह जनपद इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे मुलायम सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। जमीन पर समाजवाद का सपना साकार करने वाले धरतीपुत्र इस दुनिया से विदा हो गए। मुलायम सिंह यादव का पूरा जीवन राजनीतिक संघर्षों से भरा रहा। तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी मुलायम सिंह यादव 1967 से लगातार 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे।
मुलायम सिंह यादव साल 1977 में वे पहली बार राज्य मंत्री बने। बाद में साल 1980 में उत्तर प्रदेश में लोक दल (पीपुल्स पार्टी) के अध्यक्ष बने, जो बाद में जनता दल का हिस्सा बन गया। 1982 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में वे विपक्ष के नेता चुने गए और 1985 तक उस पद पर रहे, वहीं जब लोक दल पार्टी का विभाजन हुआ तो दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी का शुभारंभ किया।
इसी दौरान साल 1989 में वो दौर भी आया जब मुलायम सिंह यादव ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। मुलायम सिंह यादव ने साल 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी और अगले ही साल यानी 1993 में दूसरी बार यूपी के सीएम बने। इसके बाद यूपी की राजनीति में मुलायम सिंह का कद हर दिन के साथ बढ़ता गया। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला।