फिल्म अभिनेता मिथुन के ऊटी में कई रिसॉर्ट हैं, जिनकी जांच चल रही है जयललिता के टी स्टेट से जुड़े लोगों की मौत भी यहां के चुनाव में मुद्दा है
ऊटी, तमिलनाडु का एक हिल स्टेशन है, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह अंग्रेजों के वक्त में मद्रास प्रेसीडेंसी की गर्मियों की राजधानी हुआ करता था। जिले की 3 में से 2 पर DMK-AIADMK के बीच और एक पर BJP-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
1957 से अब तक 14 में से 9 चुनाव जीत चुकी कांग्रेस-DMK इस बार भी मजबूत स्थिति में हैं। AIADMK को चाय बागानों से निकली नाराजगी का नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहीं पर जयललिता कोडानाड टी-स्टेट भी है। इससे जुड़े 4 लोगों की हुई संदिग्ध मौत को DMK मुद्दा बना रही है।
इसके अलावा ऊटी में फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भी चर्चा में हैं। यहां कहा जा रहा है कि ऊटी के अपने रिसॉर्ट बचाने के लिए मिथुन BJP में गए हैं और उसके लिए बंगाल में प्रचार कर रहे हैं।
ऊटी जिला पश्चिमी घाट का नीलगिरी इंटरनेशनल बायोस्फियर रिजर्व का हिस्सा है। नीलगिरी में पर्यटन, चाय और सब्जी, आमदनी का प्रमुख जरिया है। मुदुमलाई अभयारण्य के एलीफेंट कॉरिडोर में हाल ही में भाजपा में शामिल हुए अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के रिसॉर्ट भी है। इसका एक हिस्सा 2 साल से सील है। अब रिसॉर्ट का भविष्य 3 सदस्यीय कमेटी के निर्णय पर टिका है। हालांकि नाम न छापने की शर्त पर उनसे जुड़े करीबी कहते हैं कि यह आरोप गलत है कि वे रिसॉर्ट बचाने के लिए भाजपा में गए हैं।
एक तिहाई रह गई चाय की कीमत
ऊटी, कूनूर, गुड़लूर विधानसभा के शहरी क्षेत्रों में उत्तर भारतीय, कर्नाटक और केरल के लोग हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी आबादी ज्यादा है। ऊटी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोती मल्होत्रा कहते हैं कि चाय बागान मजदूर और सब्जी उत्पादकों के वोट निर्णायक हैं। चाय की खरीदी तमिलनाडु टी बोर्ड करता है। चाय बागान मजदूर सदाशिवम कहते हैं कि 10 साल पहले एक किलो हरी चाय पत्ती का भाव 70-80 रुपए था, अब 25 रुपए भी नहीं मिलते।
मल्होत्रा कहते हैं कि इसका ठीकरा भी अन्नाद्रमुक के सिर ही फूट रहा है। मसिनागुड़ी एलीफेंट कॉरिडोर के लिए निजी जमीन छिन जाने का डर भी एक मुद्दा है। इस कॉरिडोर और चाय बागानों से निकली नाराजगी जिले की तीनों सीटों पर DMK गठबंधन को 'जीत की चाय' पिला सकती है।
जयललिता के टी-स्टेट से जुड़े लोगों की रहस्यमय मौत का सिलसिला जारी
जयललिता- शशिकला का 1000 एकड़ से ज्यादा में फैला कोडानाड टी स्टेट भी इसी जिले में है। यह भले ही अफवाह हो कि यहां जयललिता का खजाना था, लेकिन यह सच है कि यहां एक गार्ड की हत्या हो चुकी है तो एक मैनेजर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। जांच में CCTV कैमरे भी गायब मिले। इस हत्या के कुछ दिनों बाद जयललिता का पूर्व ड्राइवर भी सेलम में हुए एक्सीडेंट में मारा गया। इसी दिन केरल में इसके साथी का भी एक्सीडेंट हुआ जिसमें उसके पत्नी और बच्चे मारे गए।
स्टेट में हुई चोरी में 18 हजार करोड़ की संपत्ति और उससे जुड़े कागजात गायब होने का अनुमान है। शक की उंगली मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी पर भी उठी। जयललिता की मौत (दिसंबर 2016) के बाद 1994 तक इस स्टेट के मालिक रहे ब्रिटिश सिटीजन पीटर जॉन्स ने भी चुप्पी तोड़ी है। उनका कहना है कि टी स्टेट को दबाव डालकर उनसे खरीदा गया था। DMK जयललिता की मौत की जांच के साथ यहां हुई मौतों की जांच को भी मुद्दा बना रही है।
अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...
राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...
लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...