RRR स्टार जूनियर एनटीआर से क्यों मिले अमित शाह, समझिये पूरी सियासत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार रात एनटी रामाराव के पोते जूनियर एनटीआर से मुलाकात की। वहीं इस मुलाकात के बाद से ही कमोवेश तेलंगाना और आंध्र में राजनीति तेज हो चली है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार रात टॉलीवुड स्टार जूनियर एनटीआर से मुलाकात की, जो राजामौली की 'आरआरआर' से राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। वहीं इस मुलाकात के बाद इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बैठक की अटकलों के बीच, भाजपा सूत्रों ने दावा किया कि यह विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के साथ भगवा पार्टी के 'आउटरीच कार्यक्रम' का हिस्सा है। वहीं अमित शाह और जूनियर एनटीआर की इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक पंडित काफी कुछ कयास लगा रहे हैं। फिलहाल जूनियर एनटीआर को लेकर अब तक की बात करें तो उन्होंने राजनीति से खासा दूरी बना रखी थी। ऐसे में इस मुलाकात को लेकर माना जा रहा है कि हो सकता है कि वे राजनीति में दिलचस्पी ले सकते हैं।
टीडीपी के संस्थापक दिवंगत एनटी रामा राव के पोते जूनियर एनटीआर ने 2009 के चुनावों में सक्रिय रूप से टीडीपी के लिए प्रचार करने के बाद राजनीति से दूरी बना ली थी। हालांकि, यह पता चला है कि गृह मंत्री ने जूनियर एनटीआर से कहा कि भाजपा समय आने पर उनकी सेवाओं का उपयोग करेगी। हैरानी की बात यह है कि भाजपा प्रदेश के नेता अंतिम समय तक बैठक से अनभिज्ञ रहे। वहीं इस मुलाकात को खासकर इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है कि ये जीएचएमसी (ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम) तेलंगाना में आंध्र मूल के मतदाताओं को लक्षित करने के लिए भी की गई है।
बीजेपी तेलंगाना नेताओं ने दावा किया कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं थी। तेलंगाना बीजेपी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि हमें सभी घटनाक्रमों की घोषणा केवल एक या दो घंटे पहले ही की गई थी। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि शाह ने हाल ही में अखिल भारतीय ब्लॉकबस्टर 'आरआरआर' में उनके प्रदर्शन से प्रभावित अभिनेता को आमंत्रित किया। वहीं इसको लेकर भी चर्चा सुनने में आई कि अगर प्रदर्शन की प्रशंसा करनी है, तो जूनियर एनटीआर के सह-कलाकार राम चरण को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था।
एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि यह मुलाकात, एक बड़े राजनीतिक मकसद की ओर इशारा है । राजामौली के पिता और 'आरआरआर' कहानीकार विजयेंद्र प्रसाद को भाजपा की तरफ से राज्यसभा भेजे जाने के तुरंत बाद बैठक हुई। वहीं इसे एक और चीज से जोड़कर भी देखा जा रहा है कि शाह-जूनियर एनटीआर की बैठक तेलंगाना में आंध्र मूल के मतदाताओं को लक्षित करने के लिए तय की गई थी।