उद्धव ठाकरे की कुर्सी हिलाने वाले एकनाथ शिंदे कौन हैं, जानिए
शिवसेना नेता और मंत्री एकनाथ शिंंदे कई विधायकों के साथ गायब हैं। इसके बाद से महाराष्ट्र सरकार खतरे में दिख रही है।
एकनाथ शिंदे 21 जून को योग दिवस वाले दिन ये नाम छाया हुआ है। ये वही नाम है जिसकी वजह से महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बताया जा रहा कि शिंदे 10 से 15 विधायकों के साथ लापता हैं और वे गुजरात के सूरत डेरा जमाए हुए हैं। सीएम उद्धव ठाकरे ने आनन-फानन में विधायकों की आपात बैठक बुलाई तो सहयोगी दल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी सभी विधायकों को बुलाया है। उधर तीसरी बड़ी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली तलब किया है। आइए जानते हैं कौन हैं एकनाथ शिंदे जिसने महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया है।
ठाकरे परिवार के बाहर सबसे ताकवर शिवसैनिक
एकनाथ शिंदे के बारे कहा जाता है कि वे ठाकरे परिवार के बाहर सबसे मजबूत ताकतवर शिवसैनिक हैं। कहा जाता है कि 2019 में अगर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी नहीं हुए होते एकनाथ शिंदे आज उसी कुर्सी पर होते। लगभग 59 साल के शिंदे महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री हैं। वर्ष 1980 में वे शिवसेना से बतौर शाखा प्रमुख जुड़े थे। शिंदे ठाणे की कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे पार्टी के लिए जेल भी जा चुके हैं। उनकी इमेज एक कट्टर और वफादार शिव सैनिक की रही है।
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से हैं। ठाणे शहर में आने के बाद उन्होंने 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज, ठाणे से पढ़ाई की। ठाणे में शिंदे का प्रभाव कुछ ऐसा है कि लोकसभा चुनाव हो या निकाय चुनाव हमेशा इनका उम्मीदवार ही चुनाव जीतता आया है। एकनाथ के बेटे श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना के ही टिकट पर कल्याण सीट से सांसद हैं। अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा में वे विपक्ष के नेता रहे। 2014 में ही महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। 2019 में कैबिनेट मंत्री सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (महाराष्ट्र सरकार) का पद मिला।
सीएम बनते-बनते रह गये थे शिंदे
वर्ष 2019 में जब शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा तो तय हुआ वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी और सीएम शिवसेना होगा। लेकिन सीएम बनेगा कौन, यह तय नहीं हो पा रहा था। उद्धव ने चुनाव नतीजे आने के बाद विधानसभा में विधायक दल का नेता एकनाथ शिंदे को बना दिया। तब लगा था कि शिंदे ही मुख्यमंत्री बनाये जाएंगे। लेकिन शरद पवार और सोनिया गांधी चाहते थे कि उद्धव ही सीएम बनें। उद्धव पर अपने परिवार से भी सीएम पद स्वीकार करने के लिये दबाव था। ऐसे में शिंदे मुख्यमंत्री बनते बनते रह गये।
क्यों नाराज हैं शिंदे?
एकनाथ शिंदे की शिवसेना आलाकमान से नाराजगी की कोई नई बात नहीं है। बताया जा रहा कि वे गठबंधन की तीनों पार्टी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी से नाराज हैं। इसके पहले जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो उस समय भी एकनाथ शिंदे की शिवसेना आलाकमान से खटपट की खबरें सामने आई थीं। तब यह भी कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंदे अपने तमाम समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि उस वक्त यह खबरें गलत साबित हुई थीं और उन्होंने खुद इस बात का खंडन किया था। लेकिन अब दोबारा नाराजगी की बात सामने आई है।