जानिए भारत में कब से रहे हैं मुसलमान? मौलाना अरशद मदनी के बयान पर क्यों मचा घमासान?
भारत में इस्लाम के आगमन के बारे में माना जाता है वे सबसे पहले 629 में ही यहां आए. ये अरब मुल्क के व्यापारी थे. लेकिन इसके बाद भारत में इस्लाम का विस्तार सिर्फ हमलोंं की गवाही देता है. मौलाना अरशद मदनी के बयान पर घमासान छिड़ा है.
दिल्ली में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अधिवेशन में रविवार को मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद भारत में इस्लाम के आगमन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के आम अधिवेशन के तीसरे दिन उन्होंने इस्लाम को लेकर की बड़ी बातें कह दी. उन्होंने कहा कि जब न श्रीराम थे, न शिव थे, तब मनु किसको पूजते थे? मौलाना मदनी के इस बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है.
मौलाना अरशद मदनी इतने तक ही नहीं रुके उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि आदम सबसे पहले शख्स हैं, वो आसमान से उतरे और हम जिसे मनु कहते हैं, अंग्रेज उन्हें एडम कहते हैं. लेकिन सवाल है कि जब न श्रीराम थे, न शिव थे, तब मनु किसकी पूजा करते थे. जिसे तुम ईश्वर कहते हो और हम उसी को अल्लाह कहते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने अधिवेशन में आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत की आचोलना करते हुए कहा कि अल्लाह और ओम एक ही हैं. मदनी ने कहा कि हमारी धरती पर सबसे पहले आदम और मनु थे. एक ने ओम की और एक ने अल्लाह की इबादत की. हमने तो मनु की चौखट पर सिर रखा हुआ है, हम कहां जाएंगे?
भारत में कब आया इस्लाम?
ऐतिहासिक तथ्यों को देखें तो भारत में इस्लाम का आगमन 6ठी या 7वीं सदी में माना जाता है. सन् 629 के समय से ही इस्लाम को मानने वाले भारतीय धरती पर आ चुके थे. तब वे अरब व्यापारी थे. वे यहां आकर भारत की संस्कृति में रच बस गए. सबसे पहले बड़ी संख्या में अरब व्यापारी भारत के पश्चिमी तट मसलन गुजरात में आए. पश्चिम के अलावा वे दक्षिण भाग जैसे कि केरल में और फिर बंगाल की धरती पर भी पहुंचे.
इस्लाम के जानकार कहते हैं सन् 632 में अरब में हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इंतकाल के बाद इस्लाम का विस्तार किया गया और भारत समेत दुनिया के कई और मुल्कों में उनका जाना हुआ. वे जहां-जहां गए अपने व्यापार का विस्तार किया. वहां की सियासत में अपनी पैठ बनाई.
7वीं सदी में कासिम ने किया हमला
भारत में अरबी व्यापारियों के आने के बाद 712 में मोहम्मद बिन कासिम ने देश के सिंध भाग पर आक्रमण किया, जिसे पहला और सबसे घातक हमला कहा जाता है. कासिम ने उस हमले में तब के प्रतापी राजा दाहिर को हरा दिया था. हालांकि इससे पहले भी भारत पर करीब 14 बार खलीफाओं का हमला हो चुका था. कासिम के हमले के बाद भारत में इस्लाम की जड़ मजबूत होने लगी.
NCERT की पुस्तक में क्या लिखा है?
भारत और स्पेन में इस्लाम करीब-करीब एक ही साथ आया. साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियाद के सुल्तान सलमान-बिन-अब्दुल अजीज अल सऊद को चेरामन जुमा मस्जिद की एक अनुकृति बतौर निशानी भेंट की थी. ऐसा माना जाता केरल के त्रिसूर की इस मस्जिद को सन् 629 के आस-पास बनवाया गया था. यह मस्जिद एक निशानी है भारत में इस्लाम के आगमन की.
कासिम के आगमन के बाद लंबे समय तक भारत पर मुसलमानों का हमला नहीं हुआ. सन् 1000 इस्वी में अफगानी सुल्तान महमूद गजनबी ने भारत पर हमला किया. यह हमला भी काफी घातक था. इतिहासकार अली नदीम रिजवी के मुताबिक भारत में इस्लाम पहले व्यापार करने और फिर हमले करके आए थे.
भारत के इतिहास में जिन प्रमुख इस्लामिक हमलों का जिक्र है, उनमें मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनबी, मोहम्मद ग़ोरी और बाबर का नाम आता है. इनके हमलों से भारत में इस्लाम का फैलाव हुआ.