हरियाणा में अब कार व चारमंजिला मकान वाले भी माने जाएंगे गरीब, सीएम ने बताया गरीबी का नया 'मापदंड'
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। ' किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते, सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते।' हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रख्यात शायर मुनीर नियाजी की इन पंक्तियों के साथ विपक्ष को बजट प्रस्तावों पर चर्चा के बाद अपना जवाब दिया। विधानसभा की मंगलवार को दो सीटिंग बजट प्रस्तावों पर हुई चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने देर रात नौ बजे तक सदन में विपक्ष द्वारा उठाए हर सवाल का बखूबी जवाब दिया। किस्से-कहानियों, चुटकुलों और शायरी के बीच सदन का माहौल बेहद खुशनुमा नजर आया। कभी मनोहर लाल ने किस्से सुनाए तो कभी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणवी अंदाज में कहावतें रखीं। इस दोरान राज्य में गरीबी को लेकर नए मापदंड भी रखे।
रात नौ बजे तक चला सदन, सीएम ने दो घंटे तक दिया बजट प्रस्तावों पर जवाब
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार देर शाम सात बजे बजट प्रस्तावों पर हुई चर्चा के बाद करीब दो घंटे तक अपनी बात रखी। उन्हाेंने हिंदी के महान कवि दुष्यंत की कविता की पंक्तियों से अपना जवाब खत्म किया। बाेले- 'हो गई पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए, सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए।'
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सदन में कहा, हम एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक आय वाले हर व्यक्ति को गरीब की श्रेणी में रखेंगे। भले ही उसके पास कार या चार मंजिला पक्का मकान हो। जातिवादी व्यवस्था से ऊपर उठकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की सोच करनी होगी।
हर जिला मुख्यालय पर 200 बेड के अस्पताल बनाएंगे, 10 जिले ऐसे जहां 100 बेड के अस्पताल
उन्होंने कहा कि हम हर जिला मुख्यालय पर 200 बेड के अस्पताल बनाएंगे, 10 जिले ऐसे हैं, जहां 100 बेड के अस्पताल हैं। नूंह में सबसे कम हैं। हम इन अस्पतालों को अपग्रेड करने को लेकर गंभीर हैं। डाक्टरों की कमी पूरी करने के लिए डाक्टरों की भर्ती लगातार होती रहेगी। उन्होंने विवादों का समाधान योजना शुरू करने का एलान किया, जिससे विभागों की पालिसी में बदलाव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बजट में ज्यादा काम करेंगे, ऐसे अफसरों को हम शाबाशी देंगे। साल के आखिर में दुरुपयोग होने वाले बजट को रोकेंगे। अंत्योदय योजनाओं में हम एक लाख गरीब परिवारों को लाभान्वित करेंगे। केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ सबसे पहले गरीबों को मिलेगा। 32 सालों से शहरी व पंचायत निकायों को मजबूत करने की दिशा में पिछली सरकारों ने कोई काम नहीं किया, लेकिन हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा पांच एस पर फोकस रहेगा। यह पांच एस स्वावलंबन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वाभिमान हैं। र¨नग स्कूलों को अपग्रेड करने पर हमारा जोर है। दो लाख बच्चे ऐसे मिले, जिन्होंने प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में दाखिले ले रखे थे। आधार कार्ड से इन्हें ¨लक करने के बाद यह गड़बड़ पकड़ी गई।
मनोहर लाल ने कहा कि यह बजट किसानों को समर्पित है। कृषि क्षेत्र का पूरा ध्यान रखा गया है। माइक्रो इरीगेशन को बढ़ाने पर हमारा जोर है। 2006 के बाद के कर्मचारियों की पेंशन पर इसका असर पड़ सकता है। कोई व्यक्ति बीमार न हो, ऐसी व्यवस्थाएं करेंगे। 1100 वेलनेस सेंटर बनाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि बिजली क्षेत्र में सब्सिडी कम होना अच्छी बात है। हमने बिजली की चोरी रोकी और हानियां कम की हैं। इसके बावजूद हमने न बिजली की कमी होने दी और न ही पानी की कमी रहने दी। सब्सिडी कम करने का मतलब है कि सरकार की बचत हो रही है। यह राशि किसी दूसरी जगह विकास के काम आएगी। हमने साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी के क्षेत्र में ज्यादा रखे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने राज्य पर बढ़ते कर्ज को लेकर विपक्ष को आंकड़ों के साथ जवाब दिया। उन्होंने माना कि हरियाणा पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। हर व्यक्ति पर यदि एक लाख रुपये का कर्ज है तो संपत्ति वैल्यू के हिसाब से वह 12 लाख 91 हजार रुपये का मालिक भी है। ऐसा नहीं है कि यह पैसा किसी के घर चला जाएगा या कोई व्यक्ति एक लाख रुपये का कर्ज दे देगा। यह सिर्फ आकलन है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भाषण में कई बार हस्तक्षेप करते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल ऐसा दावा कर रहे हैं कि जैसे सारे काम उन्होंने ही कर दिए। उनसे पहले ही किसी सरकार ने आज तक कोई काम नहीं किया। हुड्डा ने चुटकी ली कि मनोहर लाल यह भी कह सकते हैं कि हरियाणा उन्होंने ही बनाया। प्रदेश पर चढ़ रहे कर्ज को लेकर हुड्डा ने कहा कि हमारे कार्यकाल में कर्ज काफी कम था, लेकिन भाजपा ने कर्ज लेकर घी पीने का काम किया है।
हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के कर्ज, आय और कामों की तुलना दूसरे राज्यों से करना गलत है। सरकार को अपना ठीक हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार वही वादे जनता से करे, जो पूरे कर सके। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा कि चित भी आपकी और पट भी आपकी।
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