प्रयागराज : "मकान मम्मी के नाम" - आरोपी जावेद की बेटी ने गिराए गए मकान को लेकर किया बड़ा दावा
हिंसा को लेकर बेटी सुमैया फातिमा ने कहा कि उनके अब्बू जावेद मोहम्मद नमाज के बाद सीधे घर आए थे.
प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद के घर को रविवार 12 जून को बुलडोजर से गिरा दिया गया. इसके बाद जावेद मोहम्मद की बेटी सुमैया फातिमा ने दावा किया कि ये घर उनके पिता का नहीं था. सुमैया ने कहा कि जो मकान प्रयागराज विकास अथॉरिटी ने जो घर गिराया, वो उनकी मां को नाना ने गिफ्ट किया था. रविवार को इस मकान को 3 जेसीबी के जरिए पूरी तरह ढहा दिया गया. प्राधिकरण ने आरोप लगाया कि मकान अवैध तरीके से बनाया गया था.
सुमैया फातिमा ने आजतक से बातचीत में कहा कि गिराया गया मकान उनकी मां के ही नाम है. उन्होंने बताया, "मेरे पिता की कमाई से ना तो जमीन खरीदी गई थी और ना ही मकान बना था. अब कानून का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. कानून से ही उम्मीद है."
शुक्रवार की हिंसा के बाद पुलिस ने जावेद के साथ सुमैया और पत्नी परवीन फातिमा को भी हिरासत में लिया था. सुमैया और उनकी मां को छोड़ दिया गया लेकिन जावेद अब भी पुलिस हिरासत में हैं. जावेद मोहम्मद वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष हैं. जुमे की नमाज के बाद हिंसा को लेकर सुमैया ने कहा कि उनके अब्बू नमाज के बाद सीधे घर आए थे. उन्होंने बताया कि पिता फोन पर लोगों को किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन के लिए मना कर रहे थे.
‘आफरीन का नाम जबरन घसीटा जा रहा’
अपनी बहन आफरीन फातिमा के चर्चे को लेकर सुमैया ने कहा कि वो जेएनयू में पढ़ती थीं. उन्होंने कहा, "उनका एमए पूरा हो गया है. वो पीएचडी की तैयारी कर रही हैं. एक हफ्ते बाद ही पीएचडी का एग्जाम है. अब इन सब में वो फंस गई हैं, पता नहीं वो एग्जाम दे पाएंगी भी या नहीं."
आफरीन को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से सुमैया ने कहा कि जिस तरह अब्बू को इस मामले में फ्रेम किया जा रहा है उसी तरह पुलिस को एक और नाम चाहिए तो उन्हें भी घसीटा जा रहा है. उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है. जब वो पढ़ाई (जेएनयू में) कर रही थीं तो वो इधर-उधर जाकर भाषण दिया करती थीं. उसमें भी उन्होंने कभी ऐसी-वैसी बात नहीं की है. उनको हर चीज में बेमतलब जोड़ा जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि हमारे परिवार के साथ एक तरह से खुन्नस निकाली जा रही है."
मकान का नो ड्यूज सर्टिफिकेट!
मकान का एक नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी सामने आया है, जिसमें परवीन फातिमा का नाम दर्ज है. इस सर्टिफिकेट पर प्रयागराज नगर निगम के खुल्दाबाद कर अधीक्षक का हस्ताक्षर भी है. सर्टिफिकेट में लिखा है कि मकान का वित्तीय वर्ष 2020-21 तक गृहकर का भुगतान हो चुका है और मकान पर कोई अवेशष नहीं है.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने 11 जून की रात को इस घर पर नोटिस चिपकाया था. कहा गया था कि 12 जून के सुबह 11 बजे तक घर से सामान हटाकर उसे खाली कर दें, ताकि प्राधिकरण कार्रवाई कर सके. नोटिस के मुताबिक घर के ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर 25*60 फीट का अवैध निर्माण है. इसके बाद 12 जून को करीब 5 घंटे की कार्रवाई में उनके मकान को ढहा दिया गया.