तीन नहीं चार थे हमलावर, पुलिस की गाड़ी से आए थे... अतीक मर्डर के चश्मदीदों ने किया दावा
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात अस्पताल के बाहर हत्या कर दी गई। पुलिस कस्टडी के दौरान हुए इस हमले से पूरा प्रदेश चौंक गया। सरकार ने प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी है। पुलिस संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रही है।
शनिवार रात प्रयागराज के अस्पताल के बाहर पुलिस कस्टडी में मेडिकल के लिए जा रहे अतीक अहमद और अशरफ की तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद सरेंडर कर दिया। पुलिस उन्हें अरेस्ट करके ले गई। उनकी पहचान लवलेश (बांदा), सनी (हमीरपुर) और अरुण (कासगंज) के तौर पर की गई है। लेकिन मौके पर मौजूद चश्मदीद अतीक और अशरफ की हत्या का आरोप सीधे-सीधे पुलिस पर ही लगा रहे हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना कि हमलावर तीन नहीं चार थे।
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए एक शख्स ने दावा किया, 'चाय की दुकान पर मैं खड़ा था, यहां पर पुलिसवाले पहले यहां आए और सबको हटाया। सब गाड़ियां हटाकर रास्ता साफ किया है। रास्ता साफ करने के बाद दो गाड़ी इधर से आई और दो गाड़ी उधर से आई। इनसे अतीक और अशरफ आए थे। एक गाड़ी में से चार लड़के निकले, पुलिसवाले चार लड़कों को गेट के अंदर ले गए। जैसे ही अतीक और अशरफ गेट से अंदर गए वैसे ही गोलियां चलने लगीं।'
चश्मदीदों का कहना था कि चार लड़के पुलिस की गाड़ी से आए थे। एक दूसरे शख्स ने दावा किया ये लड़के पुलिस की गाड़ी से उतरे और आईकार्ड प्रेस का था। उन्होंने गोली मारनी शुरू कर दी। पुलिसवाले उन्हें कवर किए हुए थे। गोली चलने के बाद जब अतीक और अशरफ गिर गए तो पुलिसवाले भाग गए। ये वही लड़के थे जो पुलिसवालों के साथ उतरे थे। पुलिसवालों को उन्हें पकड़ना चाहिए था। लेकिन वे भाग गए। मौके पर मौजूद भीड़ आरोप लगा रही थी कि पुलिसवाले चारों को जीप में लेकर चले गए। ये हमला पुलिस ने ही करवाया है।