अतीक का दफ्तर या महल? टॉर्चर रूम से लेकर अय्याशी तक के इंतजाम, यहां से चलता था माफिया का काला साम्राज्य
अतीक अहमद के काले साम्राज्य का रिमोट कंट्रोल एक कार्यालय से चलता है। यहां पर माफिया डॉन बैठकर पूरे पूर्वांचल में अपने खौफ का साम्राज्य चलाता थ। इस दफ्तर को लेकर कई रहस्यमयी खुलासे सामने आए हैं। इसने हर किसी को चौंका दिया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनरों की हत्या मामले में अतीक अहमद गैंग बुरी तरह फंस गई है। अतीक अहमद के काले साम्राज्य की पूरी कुंडली प्रयागराज पुलिस की ओर से निकाली जा रही है। इस क्रम में प्रयागराज पुलिस को अतीक अहमद के एक ऑफिस का पता चला है। यहां पर बैठकर माफिया डॉन अपने खौफ के कारोबार को फैलाता था। इस ऑफिस को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सामने आई है। कहा जाता है कि यहां पर अपहरण कर लोगों को लाया जाता था। टॉर्चर किया जाता था। इसके अलावा यहां अय्याशी के तमाम इंतजाम किए गए थे। दफ्तर का राज खुलने के बाद हर कोई इसे देखकर हैरान है। अब यह दफ्तर खंडहर के रूप में बदला दिख रहा है। पुलिस ने यहां छापा मारा है। इस छापेमारी में कई संदिग्ध चीजें बरामद की गई हैं।
कार्यालय से होती थी कैंपेनिंग
अतीक के इस कार्यालय से ही अतीक अहमद के चुनावी मैदान की तैयारियेां को अंतिम रूप दिया जाता था। अतीक अहमद यहां पर अपने लोगों के साथ बैठकर प्लान बनाता था। पहले तल पर सीढ़ी से ऊपर चढ़ेंगे तो आपको एक किचन और चार कमरे दिखेंगे। इसमें से एक कमरे की फर्श पर सोफानुमा गद्दे लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस कमरे में अतीक और उसके गुर्गे मुजरा सुना करते थे। यहां पर उसके गुर्गों का लगातार आना-जाना लगा था।
चकिया में स्थित है अतीक का आलीशान कार्यालय
अतीक अहमद का शानदार कार्यालय चकिया में स्थित है। इस ऑफिस का कुछ हिस्सा तोड़ा गया था। हालांकि, अतीक के खौफ के कारण इस भवन में दाखिल होने की हिम्मत किसी को नहीं हुई। मंगलवार की शाम पुलिस की टीम इस भवन में दाखिल हुई। दोनों फ्लोर का मुआयना किया गया तो अय्याशी के संसाधनों को देख सभी हैरान रह गए। कर्बला में कब्रिस्तान के सामने वाली सड़क के कोने पर अतीक अहमद का आलीशान कार्यालय भवन बना हुआ है। इसे बसपा सरकार के दौरान भी तोड़ा गया था। वर्ष 2012 में सपा सरकार बनने के बाद अतीक गिरोह के सदस्य जेल से रिहा हुए। इसके बाद कार्यालय भवन को एक बार फिर अपने पुराने रूप में वापस लाया गया।
अतीक के ऑफिस को पुलिस ने खंगाला
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक गिरोह के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। मंगलवार शाम पुलिस ने इस कार्यालय भवन को छाना तो कई संदिग्ध चीजें यहां से मिली। कार्यालय भवन के पिछले हिस्से में जमीन के नीचे गड्डे में छिपाकर रखे 10 हथियार और नकदी को बरामद किया गया। संदिग्ध चीजों की बरामदगी के बाद पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा समेत अन्य अधिकारी यहां पहुंचे। उन्होंने पूरे बिल्डिंग के विभिन्न इलाकों का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस फावड़ा चलाते भी दिखाई दी।
दो साल पहले चला था बुलडोजर
अतीक अहमद के गुर्गों ने 2012 में ही इस भवन को एक बार फिर शानदार रूप दे दिया था। हालांकि, वर्ष 2020-21 में अतीक अहमद समेत यूपी के माफियाओं के खिलाफ एक्शन शुरू हुआ। इसके बाद प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी ने माफिया डॉन के खिलाफ एक्शन लिया। इस कार्यालय के एक हिस्से को ढाह दिया गया। इसके बाद भी इस बिल्डिंग में किसी भी चोर या लोग के घुसने की हिम्मत नहीं हुई। पुलिस ने जब इस भवन की तलाशी ली तो यहां से कई संदिग्ध चीजें बरामद हुईं। यहां पर रखा गया खाना बनाने का सामान, बरतन आदि उसी तरह से पड़े थे, जैसे यहां रखे गए थे।
रंगमहल की तरह कार्यालय
अतीक अहमद का कार्यालय किसी रंगमहल से कम नहीं है। इस ऑफिस के नीचे कांच से बना कार्यालय है। यहां पर अतीक और अशरफ के बैठने के लिए अलग-अलग कमरे थे। इसके पीछे टायलेट बनाया गया था। पीछे में तीन कमरे बने हैं। इस बिल्डिंग के आगे के भाग को तोड़ा गया है। हालांकि, पीछे से भवन में आसानी से प्रवेश हो जाता है।
उमेश पाल यहीं बना था बंधक
राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल का फरवरी 2006 में अतीक अहमद गैंग ने अपहरण किया था। उन्हें यहां पर बंधक बनाया गया था। पीछे में बने तीन में से एक कमरे को टॉर्चर रूम बनाया गया था। इसी में उसे रखा गया था। यहीं से अतीक अहमद ने उसे ले जाकर राजू पाल केस में अपने पक्ष में उमेश से गवाही कराई थी। अपहरण के अन्य मामलों में भी इस कमरे का इस्तेमाल होने की बात कही जा रही है।