प्रयागराज हिंसा: मस्जिद का इमाम अरेस्ट, आरोप- "पुलिसवालों को काफ़िर कहा था"
बवाल के पहले पुलिस ने इमाम को समझाने की कोशिश की थी!
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 10 जून को प्रयागराज में हुई जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के संबंध में 61 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें प्रयागराज की अटाला बड़ी मस्जिद के इमाम अली अहमद भी शामिल हैं. इन पर भड़काऊ बयान देने का आरोप है, जिसके बाद कथित तौर पर पथराव और आगजनी हुई थी.
इमाम अली अहमद पर क्या हैं आरोप?
अली अहमद पर आरोप है कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को काफिर कहा, जिसके बाद हिंसा भड़की. जिसके बाद हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं. नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक, जुमे के दिन हुई हिंसा के पहले मस्जिद के इमाम को पुलिस ने समझाया भी था, लेकिन अली अहमद की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया, ऐसे भी आरोप लगाए जा रहे हैं.
प्रयागराज में पुलिस ने स्थानीय कार्यकर्ता और वेल्फेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद अहमद उर्फ पंप को मुख्य आरोपी बनाया है. बीते रविवार, 12 जून को जिला विकास प्राधिकरण ने उनका दो मंजिला घर गिरा दिया. हालांकि परिवार और उनके वकील का कहना है कि ये घर जावेद के नहीं, बल्कि जावेद की पत्नी के नाम पर था, जो उनके पिता ने उन्हें तोहफे में दिया था.
बता दें कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर पिछले हफ्ते शुक्रवार को राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन हुए थे. राज्य पुलिस ने इस मामले में अब तक 316 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है
रविवार 12 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कार्रवाई को लेकर अपने घर पर एक रीव्यू मीटिंग भी की थी. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक फिरोजाबाद में 15, अंबेडकरनगर में 34, मुरादाबाद में 35, सहारनपुर में 79, प्रयागराज में 92, हाथरस में 51, अलीगढ़ में 6 और जालौन में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि अरेस्ट किए गए लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी और हिंसा की गई थी, जिसमें कुल 13 पुलिसवाले घायल हुए हैं. इसमें से अंबेडकरनगर में 8, मुरादाबाद में 2 और प्रयागराज में 3 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं.