मुगलों के नाम पर 200 से ज्यादा को लपेटा... पति-पत्नी और 3 बच्चों की 'महाठग फैमिली' से मिलिए
पुलिस के हत्थे एक ऐसा परिवार चढ़ा है जिसने कई राज्यों में 200 से ज्यादा लोगों को ठगा। सोने के नकली सिक्के, ईंटे, आभूषणों और बर्तनों को 'मुगल काल' का बताकर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए गए।
पुलिस ने एक 'महाठग फैमिली' के पांच सदस्यों को पकड़ा है। इस परिवार ने देशभर में 200 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये ठगे। शिकार को यह बताया जाता है कि उसे 'मुगल काल' के सोने के सिक्के, सोने की ईंटें, जूलरी या बर्तन बेचे जा रहे हैं जो एकदम नकली होते। पति-पत्नी और तीन बेटे मिलकर अपने शिकार को बताते कि गुजरात और राजस्थान में खुदाई के दौरान यह बहुमूल्य वस्तुएं मिली हैं। पुलिस के अनुसार, परिवार मूल रूप से गुजरात का ही रहने वाला है और करीब तीन दशक पहले बल्लभगढ़ आकर बस गया था। ठगी के पैसों ने उन्होंने बल्लभगढ़ में 500 गज का प्लॉट खरीदा और पांच बेडरूम का घर बनवाया। परिवार का मुखिया जो कि गैंग का सरगना भी है, उसे लोकल एरिया में 'गॉडफादर' के नाम से जानते थे क्योंकि वह गरीबों की मदद करता था।
संदिग्धों की पहचान प्यारे लाल (52), उसकी पत्नी रमा देवी (48), बेटों- धर्मेंद्र सिंह (30), राजन कुमार (25) और नितिन कुमार लाल (22) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 70 मोबाइल फोन, 200 सोने के सिक्के, 1000 से ज्यादा 'नकली सोने के सिक्के' बरामद किए हैं।
डॉक्टर कपल को फंसाया तब फूटा भांडा
डीसीपी (क्राइम) नरेंद्र कादियान ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले एक डॉक्टर की शिकायत पर फ्रॉड का खुलासा हुआ। पुलिस के अनुसार, खुद को शंकर बताने वाला एक बंदा फरवरी में उनके अस्पताल में सलाह लेने आया और फिर बार-बार विजिट किया। उसने दावा किया उसके पास कैश नहीं है और डॉक्टर को उसने सोने का सिक्का दिया। उसने डॉक्टर से कहा कि सिक्का सुनार को बेचकर अपनी फीस काट लें और बाकी पैसा वापस कर लें। डॉक्टर ने जब पूछा कि खुद क्यों नहीं बेच देते तो उसने कहा कि पुलिस पकड़ लेगी क्योंकि उसके पास रसीद नहीं है। अगले कुछ मौकों पर उसने सोने के दो सिक्के और दिए फिर अपनी पत्नी को चेकअप के लिए लेकर आया। इस बार उसने चार सोने के सिक्के दिए। डॉक्टर दंपती को जिज्ञासा हुई, उन्होंने पूछा कि भाई ये सिक्के कहां से ला रहे हो।
उस शख्स ने डॉक्टर को बताया कि उसके घर में ऐसे हजारों सिक्के हैं जो मरने से पहले पिता छोड़कर गए थे। उसने दावा कि गुजरात और राजस्थान में उनकी जमीन की खुदाई के दौरान पिता को यह सब खजाना मिला था। डॉक्टर कपल ने सुनार से सिक्के चेक कराए तो असली निकले। फिर डॉक्टर की बीवी ने कुछ सिक्के खरीदने की पेशकश की क्योंकि वह काफी कम रेट में बेच रहा था। 10 सिक्कों का सौदा तय हुआ। डॉक्टर जोड़ा फिर उन सिक्कों को लेकर सुनार के पास पहुंचा, असली होने का भरोसा लिया। अब डॉक्टर ने 200 सिक्के खरीदने की सोची और शख्स को 40 लाख रुपये दे दिए।
बेइज्जती के डर से पहले चुप रहे, फिर की शिकायत
कुछ दिन बाद जब डॉक्टर दंपती एक रिश्तेदार की शादी के लिए गहने बनवाने को 20 सिक्के लेकर सुनार के पास पहुंचे। इस बार सुनार ने बताया कि ये तो पीतल के हैं। शुरू में इन दोनों ने जगहंसाई के डर से किसी को नहीं बताया। बाद में पुलिस से शिकायत की गई।
पुलिस ने 350 से ज्यादा CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, 400 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। आखिरकार टीम प्यारेलाल के घरतक पहुंच ही गई। पूछताछ में उन्होंने अलग-अलग राज्यों में कम से कम 200 लोगों को शिकार बनाने की बात कबूली।