नेताओं से कराई ट्रांसफर की सिफारिश, रेलवे कर्मचारी को अधिकारियों ने नौकरी से निकाला
उत्तर मध्य रेल्वे में एक महिला कर्मचारी को जनप्रतिनिधियों से सिफारिश करना भारी पड़ गया है। आगरा में रेलवे की महिला कर्मचारी ने केंद्र और राज्य के दो जनप्रतिनिधियों से अपने ट्रांसफर की सिफारिश लगवाई थी। यह बाद अधिकारियों को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने महिला का ट्रांसफर करने की जगह उसे नौकरी से निकाल दिया।
उत्तर प्रदेश के आगरा में महिला रेलवे कर्मचारी ने अपने ट्रांसफर के लिए जनप्रतिनिधियों से सिफारिश लगवाई थी। महिला फील्ड जॉब करती थी, लेकिन वह ऑफिस वर्क चाहती थी। जैसे ही जनप्रतिनिधियों द्वारा महिला का ट्रांसफर करने की सिफारीश की गई तो, अधिकारियों ने महिला को रिमूवल फ्रॉम सर्विस का लेटर हाथ में थमाकर उसे नौकरी से निकाल दिया।
बताया जा रहा है कि महिला का नाम पूजा है। वह इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में हेल्पर के पद पर तैनात थी और फील्ड जॉब पर थी। किसी कारण से वह परेशान थी और इस वजह से उसने रेलवे के अधिकारियों से अपने ट्रांसफर की गुजारिश की थी। मगर, अधिकारियों ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
नेताओं की सिफारिश पर खफा हुए अधिकारी
इसके बाद उसने केंद्र और प्रदेश सरकार में माननीय जनप्रतिनिधियों से रेल विभाग के अधिकारियों को सिफारिश करवाई थी। इस बात से अधिकारी नाराज हो गए। उन्होंने महिला कर्मचारी का ट्रांसफर करने की जगह उसे रिमूवल फ्रॉम सर्विस का लेटर थमा दिया।
घटना के बाद रेलवे विभाग में मचा हड़कंप
इस घटना के बाद से पूरे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब सिफारिश करने पर किसी को नौकरी से निकाल दिया है। जब महिला से इस बारे में पूछा गया, तो उसने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
नियमों के तहत हुई कार्रवाई- रेलवे अधिकारी
आगरा मंडल की रेलवे अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि रेल सर्विस कंडक्ट रूल 1966 के तहत अगर कोई कर्मचारी पॉलिटिकल दबाव बनाता है, तो नियम 20 के तहत उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। इसी के आधार पर महिला को नौकरी से निकाला गया है।