पिछड़ा दलित विरोधी बताने से पहले पढ़ें भाजपा का इतिहास - राजेन्द्र तिवारी
उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री और भाजपा नेता राजेंद्र तिवारी ने कहा, "विपक्षी नेता पहले भाजपा का इतिहास पढ़ लें, फिर आरोप जड़ें"
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है सियासी गलियारों में राजनीति गर्म होने लगी। नेताओ का एक दुसरे की पार्टियों के ऊपर आरोप-प्रतिआरोप का शिल्सिला तेजी से चल रहा है। इसी क्रम में भाजपा नेता व यूपी के पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र तिवारी ने विपक्ष पर हमला करते हुए अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है।
भाजपा नेता राजेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "विपक्षी नेता पहले भाजपा का इतिहास पढ़ लें, फिर आरोप जड़ें। भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी तथा दारा सिंह चौहान के अलावा सपा मुखिया अखिलेश यादव भी भाजपा पर दलित-पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाते अघा नहीं रहे हैं। ये नेता यदि भाजपा और जनसंघ का इतहिास पढ़ लेते तो उनकी आरोप लगाने की हिम्मत नहीं पड़ती।"
भाजपा का इतिहास जानने के बाद अखिलेश और मौर्य को शर्म महसूस होगी
उन्होंने आगे लिखा, "अखिलेश जी और मौर्य जी, आप लोगों को मैं बता रहा हूं भाजपा का इतिहास जानने के बाद आप लोगों को आरोप लगाने पर पछतावा होगा और अपने बयानों पर शर्म महसूस होगी। हकीकत यह है कि जनसंघ के गठन के बाद ही दलितों और पिछड़ों को सम्मान मिलना शुरू हुआ। 1967 में उत्तर प्रदेश में संविद सरकार बनी तो महज 17 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले चौधरी चरण सिंह को भाजपा ने ही मुख्यमंत्री बनाया। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में रामनरेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने में सहयोग दिया तो कल्याण सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाने में देर नहीं की। इसके बाद कल्याण सिंह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही पार्टी ने दो बार उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। ऐसे कितने नाम गिनाये जायें। पिछड़े वर्ग से आने वाले ओम प्रकाश सिंह, राजेन्द्र गुप्ता (जो तेली समाज से आते थे) विनय कटियार, केशव प्रसाद मौर्य पार्टी के अध्यक्ष रहे तो आज स्वतंत्रदेव सिंह अध्यक्ष हैं।"
भाजपा ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ों के साथ सबको सम्मान देती है
राजेंद्र तिवारी ने आगे लिखा, "जहां तक अन्य प्रदेशों की बात है तो मध्य प्रदेश में सुन्दर लाल पटवा जो (backward class) से आते थे को CM बनाया वही उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान जो अभी तक CM हैं जो (backward class) आते है। और तो और दलित समाज से आने वाले बंगारू लक्ष्मण को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया गया। बनवासी समाज से आए हुए करिया मूडा को अटल बिहारी बाजपेई ने अपने सरकार में मंत्री बनाया तो वही पार्टी ने लोक सभा का उपाध्यक्ष से नवाजा एवं बिहार में सुशील मोदी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। (जो पिछड़े समाज से आते है) आज भी बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री backward समाज से आते है। इससे पहले जनसंघ का इतिहास देखें तो आपको पता चलेगा कि बलराज मधोक और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पूर्व दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले पीतांबर दास को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ओबीसी से आते हैं। नायडू जी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ों के साथ ही सबको सम्मान देती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी से ही आते हैं और आज देश का मान बढ़ा रहे हैं।"
अखिलेश जी आप तो अपने बाप और चचा के भी नहीं हुए - राजेंद्र तिवारी
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए राजेंद्र तिवारी ने लिखा, "अखिलेश जी आप तो अपने बाप और चचा के भी नहीं हुए। आपके घर की बहू ने ही मजबूर होकर सपा छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली। उनको भी पता है कि आप उनको इंसाफ नहीं दे पायेंगे और भाजपा में ही उनका भविष्य सुरक्षित है। अत: आप लोग पहले अपने गिरेबान में झांकें तब भाजपा पर आरोप जड़ें।"