लोकसभा चुनाव 2024: सपा ने सनातन पांडेय को बलिया से अपने लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर दिया टिकट
रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांडेयपुर के रहने वाले सनातन पांडेय ने 1980 में आजगमढ़ से पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की और इसके बाद गन्ना विकास परिषद में जेई बन गए। 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर सपा से जुड़े। 1997 व 2002 में जिले की चिलकहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए सपा का टिकट मांगा। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे और हारे।
लोकसभा सीट बलिया में सपा ने सनातन पांडेय को इस बार फिर उम्मीदवार बनाया है। पांच बार विधानसभा और एक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके सनातन पांडेय एक बार विधायक भी रहे हैं।
रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांडेयपुर के रहने वाले सनातन पांडेय ने 1980 में आजगमढ़ से पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की और इसके बाद गन्ना विकास परिषद में जेई बन गए। 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी से जुड़े। 1997 व 2002 में जिले की चिलकहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए सपा का टिकट मांगा। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे और हारे।
2007 के चुनाव में सपा ने उन्हें चिलकहर विधानसभा सीट से टिकट दिया तो वह जीतकर विधायक बने। 2012 में नए परिसीमन में चिलकहर विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। पार्टी से उन्हें रसड़ा सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह बसपा के उमाशंकर सिंह से हार गए।
2016 में सनातन को उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का सलाहकार बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह रसड़ा विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर लड़े लेकिन एक बार फिर असफलता हाथ लगी। इसी के बाद वह बलिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए।
2019 के चुनाव में दी थी कांटे की टक्कर
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही सपा एक बार फिर उन पर भरोसा जताया। भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ कांटे की लड़ाई रही और वह मात्र 15,519 वोटों से हारे। मस्त को 4,69,114 मत मिले और सनातन पांडेय को 4,53,595 मत प्राप्त हुए। सपा की ओर से दोबारा उम्मीदवार घोषित होने के बाद एक बार फिर बलिया लोकसभा सीट का सियासी मैदान सजने लगा है। भाजपा ने यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और सांसद रहे नीरज शेखर को और बसपा ने पूर्व सैनिक लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है।