संजीव जीवा हत्याकांड: संजीव जीवा के हत्यारे विनोद का नेपाल कनेक्शन आया सामने, बड़े माफिया के संपर्क में था विनोद
लखनऊ कोर्ट परिसर में संजीव जीवा की हत्या मामले में हत्यारे विनोद यादव की ओर से बड़ा कबूलनामा सामने आया है। पुलिस की पूछताछ के दौरान जीवा के हत्यारे ने पैसे के लिए हत्याकांड को अंजाम देने की बात कबूली है। उसने किसी गैंग से खुद का जुड़ा हुआ नहीं बताया है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 7 जून को हुई गैंगस्टर संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। संजीव जीवा की हत्या करने वाले विनोद यादव का नेपाल कनेक्शन सामने आया है। नेपाल में बैठे बड़े माफियाओं ने संजीव जीवा की हत्या प्लानिंग को अंजाम दिलाया है। हत्या की साजिश मुंबई में रचे जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में दावा किया जा रहा है कि विनोद ने नेपाल में बड़े माफिया अशरफ से मुलाकात की। वहां उसे संजीव जीवा की हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी मिली। इसके बाद उसे हथिया मुहैया कराया गया। लखनऊ में आकर पहले कोर्ट परिसर की रेकी की। संजीव जीवा की कोर्ट में पेशी से पहले प्लानिंग फुलप्रूफ थी। विजय यादव ने भी पुलिस की पूछताछ में माना है कि नेपाल में उसे 20 लाख रुपए की सुपारी मिली। पैसे के लिए उसने हत्याकांड को अंजाम देने का फैसला लिया।
करीब 7 दिनों की रेकी के बाद विजय ने आखिरकार 7 जून को हत्याकांड को अंजाम देने का निर्णय लिया। वह वकील के वेश में कोर्ट परिसर में आसानी से दाखिल हुआ और पेशी के लिए आए संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी। एक दावा यह किया जा रहा है कि संजीव जीवा को 8 गोली मारी गई। सभी गोली शरीर के आरपार हुई। इस कारण शरीर में 16 छेद हुए। वहीं, दूसरा दावा यह है कि जीवा को 6 गोली लगी। चार सीने और दो नीचे में लगी। मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर से एक बार में छह गोली ही चलाई जा सकती है। ऐसे में दो गोली को लेकन चर्चा का बाजार गरमाया है।
नेपाल में हुई माफिया से मुलाकात
विजय यादव के नेपाल में बड़े माफिया से मुलाकात की चर्चा के बीच कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर वह बड़ा माफिया कौन है? इसका जवाब विजय ने पुलिस पूछताछ में दिया है। अतीक अहमद के करीबी अशरफ के रूप में उसकी पहचान सामने आई है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस इस बड़े माफिया तक पहुंच सकती है। दरअसल, यूपी में शिकंजा कसने के बाद कई माफियाओं ने नेपाल में शरण ले रखी है। ये माफिया नए चेहरों के जरिए यूपी में आपराधिक घटनाओं के जरिए प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी करना चाहते हैं तो ऐसे चेहरों को उजागर करना जरूरी होगा।
अगर कोई इस प्रकार की प्लानिंग कर रहा है तो यह बड़े खतरे का संकेत है। क्योंकि, नेपाल में बैठकर कोई ऐसी प्लानिंग कर रहा है, जिसके तहत प्रदेश की राजधानी में 7 दिनों तक कोर्ट परिसर की रेकी होती है। जीवा हत्याकांड में सबसे गंभीर पहलू यह है कि एक हत्यारा आसानी से कोर्ट परिसर जैसे संवेदनशील इलाके में दाखिल होता है। गोली बरसाता है और एक हत्याकांड को अंजाम दे देता है। पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। इस पर सबसे अधिक सवाल उठ रहा है।
पुलिस की पूछताछ में अहम खुलासा
विजय यादव ने पुलिस की पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं। सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आई है, उसमें दावा किया गया है कि पुलिस को उसने नेपाल के बड़े माफिया के संपर्क में होने की बात स्वीकार की है। उसने पुलिस को बताया है कि एक व्यक्ति ने उसे जीवा की फोटो दिखाई और मारने की सुपारी दी। 20 लाख रुपए में हत्या की यह डील हुई। हालांकि, अभी उसे केवल 5 हजार और रिवॉल्वर दी गई थी। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि विजय को नेपाल से कुछ दिन पहले बुलावा आया था। वहां उसकी मुलाकात अशरफ से हुई।
अतीक कनेक्शन भी आया सामने
अशरफ हाल में ही मारे गए माफिया अतीक अहमद का करीबी बताया जा रहा है। अशरफ ने विजय को बताया कि उसका भाई अतीफ लखनऊ जेल में है। वहां जीवा उसे परेशान कर रहा है। उसने जीवा की हत्या के लिए 20 लाख रुपए की पेशकश की। लखनऊ पहुंचने पर उसे अशरफ के गुर्गे ने पनाह दी। एक प्राइवेट नौकरी का जुगाड़ किया। रेकी करने में मदद की। अब पुलिस के सामने चुनौती उस गुर्गे के जरिए अशरफ तक पहुंचने की है, जो नेपाल में बैठकर लखनऊ में हत्याकांड को अंजाम दिलाने में कामयाब हो गया।