44 साल में पूरी हुई सरयू नहर परियोजना, पीएम करेंगे लोकार्पण
चौदह लाख हेक्टेयर खेतों की होगी सिचाई, कई बार बदला नाम और दाम।
श्रावस्ती। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना ४४ वर्ष बाद बन कर तैयार हो गई। इस परियोजना से चौदह लाख हेक्टेयर भूमि को पानी मिलेगा। इससे पूर्वाचल के नौ जिले लाभ पाएंगे। इसका शुभारंभ पीएम करेंगे।
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना बन कर तैयार हो गई। इस परियोजना का पूरा होने में करीब 44 वर्ष लगे। प्रारंीाकाल में यह परियोजना राज्य परियोजना थी। इसका निर्माण कुद जिलों में सिंचाई साधन बए़ाने के लिए किया गया। बाद में धीरे धीरे इस परियोजना में कई जिले शामिल होते रहे। यहां तक की कुद वर्ष बाद इस परियोजना कालाभ देखते हुए इसे राष्ट्रीय परियोजना घोशित कर दिया गया। वैसे तो इस परियोजना से देश के चौदह जिले लाभ लेगे, लेकिन पूर्वाचल के आठ जिलो को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इस परियोजना के तहत ही राप्ती मुख्य नहर को शामिल किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1,25,600 किलोमीटर है। इसी मुख्य नहर को राप्ती लिंक चैनेल से जोउ़ा गया है। जिसका उदगम स्थल श्रावस्ती है। जिसकी लंबाई 21.4 किलोमीटर है। इस परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वार किया जाएगा।
कई बार बदला नाम
इस परियोजना का नाम प्रारंभ में घाघरा कैनाल था। वर्ष 1978 में बहराइच व गोंडा जिले में सिंचाई क्षमता में विस्तार के लिए यह परियोजना प्रारंभ हुई। वर्ष 1982 में परियोजना का विस्तार पूर्वाचल के ट्रांस घाघरा-राप्ती-रोहिणी क्षेत्र में करते हुए नौ और जिलों को भी इसमें शामिल किया गया। उस समय इस परियोजना का नाम ट्रांस घाघरा-राप्ती-रोहिणी कर दिया गया। इसी के बाद भारत सरकार ने इसका नाम बदलकर सरयू परियोजना रख दिया।
परियोजना की यह है नहर प्रणाली
बहराइच में घाघरा नदी पर निर्मित गिरजापुरी बैराज के बाएं से बैंक से 360 क्यूसेक क्षमता की सरयू योजक नहर (17.035 किमी) निकाली गई है। इससे सरयू नदी पर निर्मित सरयू बैराज के अपस्ट्रीम दाएं किनारे में पानी लाया गया है। सरयू बैराज के बाएं बैक से 360 क्यूसेक क्षमता की 63.15 किमी की सरयू नहर निकाली गई है। सरयू मुख्य नहर के किमी 21.4 दाएं बैक से इमामगंज शाखा प्रणाली निकाली गयी है। सरयू मुख्य नहर के किमी 34.70 के बाएं किनारे से राप्ती योजक नहर 21.4 किमी लंबाई में बनाया गया है। यह राप्ती (श्रावस्ती जिला)नदी पर निर्मित राप्ती बैराज के अपस्ट्रीम में राप्ती नदी को पानी उपलब्ध कराएगी। इसका उपयोग 125.682 किमी लंबी राप्ती मुख्य नहर के लिए किया जाएगा। सरयू मुख्य नहर के किमी 63.150 से दो शाखा प्रणाली बस्ती व गोंडा निकाली गई है। बस्ती शाखा से 4.20 लाख हेक्टेयर एवं गोंडा शाखा से 3.96 लाख हेक्टेयर सिंचाई होगी। राप्ती के मुख्य नहर के टेल से कैम्पियरगंज शाखा राप्ती मुख्य नहर प्रणाली से 3.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
वर्ष 2013 में शामिल हुआ श्रावस्ती गोंडा
सरयू परियोजना का कार्य 1982-1983 में प्रारंभ हुआ। 10 फरवरी 2000 में इस परियोजना के तहत नहर का कार्य 9,205.00 किलोमीटर कराया गया। इसमें नाला 9000 किमी एवं नलकूप कार्य 3600 का निर्माण हुआ है। वर्ष 2013 में इस परियोजना के तहत बस्ती में 299.83 किमी, संतकबीर नगर में 76-90 किमी, बहराइच में 219.94 किमी, गोरखपुर में 1976.09 किमी, बलरामपुर में 300.59 किमी, सिद्धार्थनगर में 905.51 किमी ड्रेन प्रस्तावित किया गया था। इसका कार्य भी पूरा हो चुका है। सरयू परियोजना कमांड में श्रावस्ती, गोंडा की स्थिति का उल्लेख नहीं था। ऐसी स्थिति में सरयू परियोजना के अंतर्गत प्रावधानित 9000 किमी ड्रेन के बाद वर्ष 2013 में श्रावस्ती व गोंडा को इस परियोजना में शामिल किया गया। 2014 में इस परियोजना के तहत ड्रेन की लंबाई में वृद्धि की गई।