राजभर ने अखिलेश को घेरने की बनाई रणनीति, पिछड़े, दलितों व वंचितों के बीच जाकर बताएंगे सपा सरकार की नाकामियां
सुभासपा ने मुद्दों के आधार पर सपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति बनाई है। इसके लिए पार्टी अगले महीने से जोनवार संपर्क अभियान शुरू करेगी।
एनडीए में शामिल होने के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अब सपा को घेरने की रणनीति पर काम करेंगे। इसके लिए वे उन मुद्दों को हथियार बनाएंगे, जिनको वे अपनी पार्टी का एजेंडा बताते हैं। इन मुद्दों के जरिये ही सुभासपा अध्यक्ष पिछड़े, अति पिछड़े, दलितों व वंचितों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सपा सरकार की नाकामियों को भी बताएंगे। सुभासपा की रणनीति है कि लोकसभा चुनाव से इन मुद्दों के जरिये पिछड़े वर्ग की लामबंदी मजबूत कर ली जाए। इसके लिए जोनवार प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
दरअसल सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को तीन हिस्सों में विभाजित करने, जातीय जनगणना कराने और एससी-एसटी को नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें उठाकर सुभासपा अपने पक्ष में पिछड़ों व दलितों का समर्थन जुटाने की जुगत में लगी है। यही वजह है कि ओम प्रकाश राजभर लगातार सपा पर हमलावर हैं। उनके हर बयान में सपा पर पिछड़ों की अनदेखी करने का आरोप लगाना इसी रणनीति का हिस्सा है।
सुभासपा पदाधिकारियों द्वारा पिछड़ों खासकर दलितों के बीच जाकर जून 1995 में सपा नेताओं द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ किए गए दुर्व्यवहार और नौकरी में प्रमोशन में एससी-एसटी के आरक्षण को खत्म करने की बात को जोरशोर से उठाने की रणनीति है। इसी प्रकार सपा सरकार के दौरान दलितों और अति पिछड़ों की अनदेखी से जुड़े कई प्रकरणों की सूची भी तैयार की गई है। जिसे इन जातियों के बीच जाकर बताया जाएगा। पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता अरुण राजभर के मुताबिक समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए जोनवार संपर्क अभियान अगले महीने से शुरू किया जाएगा।
भाजपा से दोस्ती के बारे में भी दी जाएगी जानकारी
ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि पिछड़ों व दलितों के बीच जाकर एनडीए में शामिल होने के कारणों के बारे में भी बताया जाएगा । उन्हें भाजपा कार्यकाल में पिछड़ों और दलितों के हित में लिए गए फैसलों और पिछड़े नेताओं को सियासत में आगे बढ़ाने की जानकारी दी जाएगी। वहीं, सपा शासन में सिर्फ सजातीय नेताओं को ही आगे बढ़ाने के कुचक्र को भी बताया जाएगा।