सीहोर बोरबेल हादसा: 3 साल की सृष्टि हार गयी जिंदगी की जंग, 52 घंटे बाद बाहर निकला शव
एमपी के सीहोर जिले के मंगावली गांव में मंगलवार की दोपहर सृष्टि घर के पास ही खेलते वक्त बोरवेल में गिर गई थी। उसकी उम्र महज 3 साल थी। सृष्टि 300 फीट गहरे बोर में 120 फीट की गहराई में जाकर फंस गयी थी।
सीहोर जिले में बोरवेल में गिरी बच्ची सृष्टि कुशवाहा को बाहर निकाल लिया गया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। 3 साल की बच्ची मंगलवार से बोरवेल के लिए खोदे गए गढ्ढे में फंसी हुई थी। वो 52 घंटे तक गहरे संकरे गढ्ढ़े में फंसी रही। स्थानीय प्रशासन सहित SDRF, NDRF और सेना की टीम उसके रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई थी। बच्ची को बाहर निकालकर एंबुलेंस में फौरन अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एमपी के सीहोर जिले के मंगावली गांव में मंगलवार की दोपहर सृष्टि घर के पास ही खेलते वक्त बोरवेल में गिर गई थी। उसकी उम्र महज 3 साल थी। सृष्टि 300 फीट गहरे बोर में 120 फीट की गहराई में जाकर फंस गयी थी। तब से उसके बचाव के लिए अभियान छिड़ा हुआ था। पहले स्थानीय प्रशासन ने उसे निकालने की कोशिश की फिर बुधवार दोपहर से सेना ने मोर्चा संभाल लिया था। बच्ची को बचाने के लिए करीब पैरलल गड्ढा खोदा गया था। जब वो कोशिश भी नाकाम रही तो रेस्क्यू के लिए कन्वेंशनल मेथर्ड अपनाया गया था।
रॉड के जरिए बोरवेल में डाला हुक
सृष्टि को बचाने के लिए कैमरे से रेस्क्यू टीम मॉनिटर कर रही थी. पथरीली जमीन होने के कारण खुदाई में काफी दिक्कत आ रही थी। कैमरे में बच्ची का कोई खास मूवमेंट नजर नहीं आ रहा था। कोशिश ये थी कि बच्ची को हुक के जरिए बाहर निकाल लिया जाए।
रोबोटिक कैमरे के बाद सेना ने सरिया में स्पेशल कैब बनाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। खुद एसपी मयंक अवस्थी पूरे रेस्कयू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। सृष्टि पहले दिन 29 फीट पर, दूसरे दिन 55 फिर 110 फीट नीचे खिसक गयी थी। जैसे जैसे खुदाई की जा रही थी बच्ची और नीचे धंसती जा रही थी। वर्तमान में बालिका 120 फ़ीट नीचे जाकर फंस गयी थी। बोरबेल में प्रेशर के लिए बोरबेल मशीन भी मौके पर हाइड्रोलिक प्रेशर के लिए तैयार रखी गयी थी।