सीतापुर जेल में फार्मासिस्ट पर बंदी बबलू की हत्या का आरोप, बताया- हीटर पर कराते हैं पेशाब
सीतापुर जेल में डाक्टर के न होने से नाराज बंदियों ने भूख हड़ताल कर दी। जेल अधिकारियों के मनाने के बाद भी कैदियों ने खाना नहीं खाया। आधिकारी देर रात तक बंदियों को समझाने का प्रयास करते रहे।
जिला कारागार से पेशी के लिए निकले बंदियों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बंदियों ने मिश्रिख निवासी बंदी बबलू की हत्या का आरोप जेल फार्मासिस्ट शौलेंद्र पर लगाया है। बंदियों ने कहा कि फार्मासिस्ट ने ही बबलू की गला दबाकर हत्या की है। बंदियों ने बताया उन्होंने दो दिन से खाना नहीं खाया है।
हम लोगों से अवैध वसूली भी जाती है। चीफ वार्डेन सुधांशु बंदियों से हीटर पर पेशाब कराते हैं। डिप्टी जेलर विजय लक्ष्मी परिवारजनों के सामने ही हम लोगों को पीटती हैं। बंदियों ने कहा कि जब भी निरीक्षण होता है उस दौरान अधिकारी केवल कागजी कार्रवाई ही करते हैं और चले जाते हैं।
बबलू की मौत के बाद से बंदियों ने भोजन करना बंद कर दिया था तथा हंगामा भी खूब किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआइजी जेल आरके सिंह शनिवार को निरीक्षण के लिए पहुंचे।
जिला जेल में शुक्रवार की देर रात बवाल हो गया। बंदियों का खाना खाने से इन्कार करने की बात सामने आई है। इंकार से अधिकारियों के हाथ- पैर फूल गए। काफी मान- मनौव्वल के बाद भी बंदी नहीं माने तो सीओ सिटी और एसडीएम सदर जेल पहुंचे।
बंदियों को समझाने का प्रयास किया। देर रात करीब 11:30 बजे एएसपी एनपी सिंह और एडीएम राम भरत तिवारी जिला जेल पहुंचे है। शुक्रवार की दोपहर जिला जेल के एक बंदी की जिला अस्पताल मे मौत हो गई थी। जेल अधिकारियों ने मौत का कारण बीमारी बताया था।
उधर, मिश्रिख निवासी मृतक बंदी बबलू के परिवारजन ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। देर रात बंदियों के खाने से इन्कार को इसी घटना से जोड़कर देखा जा है। फिलहाल जेल और जिले के उच्च अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अधिकारियों के देर रात जेल पहुंचने की बात पर भी मौन हैं।
जेल अस्पताल में डाक्टर न होने से नाराज थे बंदी : एएसपी दक्षिणी
सीतापुर जेल में रात 1:35 बजे जिला जेल से बाहर आए एएसपी दक्षिणी एनपी सिंह ने बताया दोपहर मे एक बंदी की मौत हुई थी। बंदी, जेल अस्पताल में डाक्टर न होने से नाराज थे। बात की गई तो बताया कि एक फार्मासिस्ट ही इलाज करता है। भूख हड़ताल की बात नहीं है। बंदियों ने उपवास किया था, समझाने पर कुछ बंदियों ने खाना खाया है। कल डाक्टरों की एक टीम जेल भेजी जाएगी