बाराबंकी: होशियार! अब दुष्कर्म के केस का झांसा देकर साइबर ठगी
बाराबंकी के जैदपुर कस्बा के एक अधेड़ के पास पुलिस अधिकारी की डीपी लगे मोबाइल नंबर से काल आई। फोन रिसीव करते ही उधर से कहा गया कि आपका बेटा दिल्ली में रहता है। वह दुष्कर्म के केस में फंस गया है। अब बचना मुश्किल हैं। इसके बाद अधेड़ से बचाने के नाम पर रुपये मांगे जाने लगे। जी हां, साइबर ठगों ने लोगों को ठगने का यह नया तरीका अपनाया है। इसे लेेकर साइबर पुलिस अलर्ट हो गई है।
जिले में ऐसी काल सैकड़ों लोगों के पास आ चुकी हैं। कुछ तो झांसे में आकर साइबर ठगों को पैसे भेज भी चुके हैं। शहर के विकास भवन के पास रहने वाले राजनाथ वर्मा के पास भी फोन आया कि उनके एक परिजन पुलिस केस में फंस गए हैं। जैदपुर के करीब 22 लोगों के पास ऐसी काल आ चुकी हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि साइबर ठग पुलिस की वर्दी की फोटो लगाकर काल कर रहे हैं। कुछ पीड़ितों ने तो बाकायदा इसका स्क्रीन शॉट भी सुरक्षित करकेे रखा है। ठगी मेें इंस्पेक्टर और सीओ की वर्दी का इस्तेमाल हो रहा है। खासकर उन लोगों के परिजनों को काल आ रहे हैं, जिनके बेटे, भाई या पति दूसरे प्रांतों या जिलों में काम कर रहे हैं।
दरोगा बनकर ग्राम प्रधान को ठगा
जैदपुर में मेडिकल स्टोर संचालक विशाल जायसवाल के पास काल आती है। बात करने वाला खुद को जैदपुर थाने का दरोगा बताता है। एसडीएम के लिए वाट्सएप पर दवा का पर्चा भेजा। फिर बिल के 2300 रुपये के लिए बार कोड मांगा। 12500 रुपये के भुगतान का फर्जी स्क्रीन शॉट आया। फिर कहा कि पैसे ज्यादा भेज दिए, वापस करिए। लेकिन दुकानदार समझ चुका था। इससे ठगी से बच गया। लेकिन कोठी के मीरापुर के प्रधान संतोष कुमार से कोठी थाने का दरोगा बनकर 15 हजार रुपये ठग लिए गए।
सतर्क रहें, ठगी होने पर डायल करें 1930
पुलिस की वर्दी की फर्जी डीपी लगाकर साइबर ठग लोगों को प्रभाव में लेकर ठगना चाहते हैं। लोगों को इसके लिए जागरूक रहना पड़ेगा। पुलिस के नाम पर पैसा बिल्कुल मत भेजें। साइबर ठगी होने पर तत्काल 1930 पर काल करें या https://cybercrime.gov.in/ पर लिखित शिकायत करें। - विजयवीर सिंह सिरोही, प्रभारी निरीक्षक, साइबर थानाa