नीरज चोपड़ा को हराने वाले एंडरसन पीटर्स के भाले में क्या है जादू, लगातार दूसरी बार छीना गोल्ड
ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड से चूकने के बावजूद इतिहास रच गए। उन्होंने लगातार दूसरी बार फाइनल में एंडरसन पीटर्स से मात खाई है। पीटर्स ने 90 मीटर से अधिक का थ्रो करते हुए भारत का गोल्डन सपना चकनाचूर किया।
भारतीय इतिहास के सबसे सफल एथलीटों में शुमार नीरज चोपड़ा जब वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ हुए तभी से एक बात कही जा रही थी। वह यह कि उन्हें फाइनल में ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से कड़ी टक्कर मिलेगी। अगर नीरज और गोल्ड के बीच में कोई कांटा है तो वह पीटर्स ही हैं। कुछ ऐसा ही देखने को भी मिला।
ओलिंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय और पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए, जिन्होंने जैवलिन थ्रो में 88.13 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में एकमात्र मेडल 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। फाउल से शुरुआत करने वाले चोपड़ा ने शानदार वापसी करते हुए दूसरे प्रयास में 82.39, तीसरे में 86.37 और चौथे प्रयास में 88.13 मीटर का थ्रो फेंका जो सत्र का उनका चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उनका पांचवां और छठा प्रयास फाउल रहा।
ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.54 मीटर के साथ गोल्ड मेडल जीता, जबकि चेक गणराज्य के याकूब वालडेश को ब्रॉन्ज मेडल मिला जिन्होंने 88.09 मीटर का थ्रो फेंका। भारत के रोहित यादव 78.72 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दसवें स्थान पर रहे। चोपड़ा ने पिछले साल तोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलिंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं।
पीटर्स ने 90.21 मीटर से शुरुआत की और उनका उसके बाद 90.46 , 87.21, 88.11, 85.83 मीटर के थ्रो फेंके। पांच प्रयासों के बाद ही उनका गोल्ड सुनिश्चित हो गया था लेकिन उन्होंने छठा थ्रो 90.54 मीटर फेंका जो उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। चोपड़ा ने ग्रुप ए क्वॉलिफिकेशन में शुरुआत की और 88.39 मीटर का थ्रो फेंका था जो उनके करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो था। गत चैम्पियन पीटर्स ने ग्रुप बी में 89.91 मीटर का थ्रो लगाकर पहला स्थान हासिल किया था।
चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 89.94 मीटर का है। उन्होंने लंदन विश्व चैंपियनशिप 2017 में खेला था लेकिन फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाये थे। दोहा में 2019 विश्व चैंपियनशिप में वह कोहनी के आपरेशन के कारण नहीं खेल सके थे। चोपड़ा ने इस सत्र में दो बार पीटर्स को हराया था जबकि पीटर्स जून में डायमंड लीग में विजयी रहे थे। पीटर्स अब सत्र में छह बार 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक चुके हैं जबकि चोपड़ा अभी तक यह बाधा पार नहीं कर पाए हैं। रोहित ग्रुप बी में 80.42 मीटर का थ्रो फेंककर छठे स्थान पर और कुल 11वें स्थान पर रहे थे। उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 82.54 मीटर है जो उन्होंने राष्ट्रीय अंतर प्रांत चैम्पियनशिप में पिछले महीने हासिल करके सिल्वर मेडल जीता था।