IPL 2022: एक बार फिर CSK का उद्धार करने को आगे आए MS Dhoni, रविंद्र जडेजा ने छोड़ी कप्तानी की कमान
ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। एमएस धोनी फिर से टीम का नेतृत्व करते दिखाई देंगे। 40 वर्षीय धोनी को एक बार फिर येलो आर्मी का कप्तान घोषित किया गया है।
आईपीएल-2022 के रोमांच के बीच एक सबसे बड़ी खबर आई, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यह खबर है रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) के बीच सीजन चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की कप्तानी छोड़ने की। ऑलराउंडर को इस सीजन के शुरू होने से ठीक पहले चेन्नई ने धोनी की जगह कप्तान बनाया था, लेकिन उन्होंने अचानक ही कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इस तरह CSK को 4 बार चैंपियन बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) फिर से कप्तान बन गए हैं।
खैर, यह खबर रही। इस बारे में CSK ने अपने ऑफिशल बयान में दो लाइन कहा। उसके अनुसार, जडेजा कप्तानी छोड़कर अपने खेल पर फोकस करना चाहते हैं। एमएस धोनी ने उनके फैसले को स्वीकार करते हुए कप्तानी संभाल ली है। यह मामला जितना सीधा दिख रहा है क्या वाकई में उतना ही सीधा है? शायद नहीं। दरअसल, जडेजा को कप्तानी मिल तो गई थी, लेकिन भूमिका में कोई बदलाव नहीं हुआ था। अधिकतर समय महेंद्र सिंह धोनी ही विकेट के पीछे से भूमिका निभाते दिखते थे। इस वजह से कई बार पूर्व क्रिकेटर्स ने धोनी की आलोचना भी की थी।
अजय जडेजा ने खड़ा किया था धोनी पर बड़ा सवाल
पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा ने तो उनपर गेम कंट्रोल का आरोप भी लगाया था। उन्होंने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं कि धोनी बड़े खिलाड़ी और महान कप्तान हैं। उनकी इज्जत करता हूं, लेकिन उन्हें गेम नहीं कंट्रोल करना चाहिए। जडेजा अधिकतर समय डीप एरिया में फील्डिंग करते दिखते हैं। उनके और किसी गेंदबाज के बीच चर्चा भी बहुत कम होती दिखती है।
कप्तानी सबके बस की बात नहीं
जडेजा के कप्तानी छोड़ने की जैसे ही खबर आई तुरंत ही मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच जारी मैच में कॉमेंट्री कर रहे मोहम्मद कैफ और आकाश चोपड़ा ने चर्चा शुरू कर दी। कैफ का सबसे पहला रिएक्शन था- कप्तानी सबके बस की बात नहीं..। इस बात में दम है। चेन्नई ने शुरुआती 4 मैच गंवाए थे तो जडेजा की काफी आलोचना हुई थी, लेकिन उतने ही निशाने पर धोनी भी थे। वजह साफ है कि किसी भी मैच में जडेजा से अधिक धोनी का प्रभाव दिखता था।
सवाल: क्या यह जडेजा की टीम थी?
दूसरी ओर, आकाश चोपड़ा ने कहा- क्या यह जडेजा की टीम थी? बिल्कुल नहीं, जडेजा तो सीजन के शुरू होने से कुछ दिन पहले तक कप्तानी के सीन में नहीं थे। लेकिन जब कप्तान बनाया गया तो उन्होंने कहा कि माही भाई मेंटॉर हैं। वह मैदान पर होंगे तो कैसी टेंशन। जो भी सवाल होंगे उनसे चर्चा करके सुलझा लिया जाएगा। रोचक बात यह है कि धोनी अब भी मैदान पर साथ ही होते तो कप्तानी छोड़ने की जरूरत क्यों पड़ी?
जडेजा ने आखिर क्यों छोड़ी कप्तानी?
इस पूरे मामले में नजरिया यह है कि टीम के खराब प्रदर्शन से कहीं अधिक जडेजा अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव में रहे होंगे। अब जबकि टीम प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर हो चुकी है तो जडेजा कप्तानी के दबाव से निकलना चाहते रहे होंगे। उन्होंने अपनी बात फ्रेंचाइजी तक पहुंचाई होगी तो एक बार फिर टीम की कमान धोनी को देने के अलावा कोई चारा नहीं रहा होगा। उसकी वजह साफ है। टीम में रोबिन उथप्पा और अंबाती रायुडू सीनियर तो हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी उन्हें कप्तानी मैटेरियल समझे ऐसा जरूरी नहीं है। ऐसे में धोनी एक बार फिर टीम का उद्धार करने के लिए आगे आए होंगे।
भज्जी ने तो कप्तान माना ही नहीं था
चेन्नई सुपर किंग्स के लगभग हर मैच के दौरान एक बड़ा ही हास्यास्पद मामला देखने को मिलता था। हरभजन सिंह अक्सर धोनी को कप्तान कहते हैं और वह यह भी कहते हैं कि जब भी मैं उन्हें देखता हूं तो मुझे कप्तान ही दिखता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या चेन्नई सुपर किंग्स के लिए दो सीजन खेल चुके टर्बनेटर जडेजा को कप्तान नहीं मानते थे? खैर, इसका जवाब तो भज्जी ही दे पाएंगे।
टीम का प्रदर्शन
चेन्नई फिलहाल 8 मैचों में से सिर्फ 2 में जीत दर्ज कर सकी है, जबकि 6 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। उसके 4 पॉइंट हैं और वह पॉइंट्स टेबल में 9वें स्थान पर है। अब जब चेन्नई अपना अगला मैच खेलने के लिए एक मई को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेलेगी तो एमएस धोनी कप्तानी करते नजर आएंगे। रोचक बात यह है कि यह सब कप्तानी ड्रामा सिर्फ 37 दिनों में हुआ है।