CWG 2022: 20 साल के लक्ष्य ने भारत को दिलाया 20वां गोल्ड, सिंधु विमेंस सिंगल्स में बनीं चैंपियन
पीवी सिंधु के बाद लक्ष्य सेन ने भी कॉमनवेल्थ खेल इतिहास का अपना पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। सिंधु भारत की दूसरी महिला गोल्ड मेडलिस्ट बनीं तो लक्ष्य सेन कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण जीतने वाले चौथे मेंस शटलर हुए।
कॉमनवेल्थ गेम्स के 11वें दिन भारत को बैडमिंटन में दो गोल्ड मिले। पीवी सिंधु ने विमेंस सिगल्स में और लक्ष्य सेन ने मेंस सिंगल्स में सुनहरी कामयाबी हासिल की। लक्ष्य का मेडल भारत का इस मेगा इवेंट में 20वां गोल्ड है।
20 साल के लक्ष्य ने फाइनल में मलेशिया के जेई यंग को तीन गेम तक चले मुकाबले में 19-21, 21-9, 21-16 से हराया। भारतीय खिलाड़ी ने पहला गेम 19-21 से गंवा दिया। लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने जोरदार वापसी की और इसे 21-9 से जीतकर मैच में बराबरी हासिल कर ली है। तीसरे गेम में लक्ष्य ने 21-16 से जीत हासिल की।
इससे पहले पीवी सिंधु ने फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को 21-15, 21-13 से हराया। कॉमनवेल्थ में विमंस सिंगल्स मुकाबलों में सिंधु का यह पहला गोल्ड है। इससे पहले 2018 में सायना नेहवाल ने कॉमनवेल्थ में विमेंस सिंगल्स का गोल्ड जीता था। फाइनल में उन्होने सिंधु को ही हराया था। इस मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में भारत के नाम अब तक 56 मेडल हो गए हैं। इनमें 19 गोल्ड, 15 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।
लक्ष्य सेन ने भी जीता गोल्ड मेडल
वीमेंस सिंगल्स के बाद मेंस सिंगल्स का गोल्ड भी भारत की झोली में आया है। लक्ष्य सेन ने मलेशियाई शटलर को हराते हुए स्वर्ण पदक जीता। पहला गेम गंवाने के बाद लगातार दो गेम जीतना लक्ष्य के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बड़ी खूबसूरती से अंजाम दिया। 20 साल के लक्ष्य ने 19-21, 21-9, 21-16 से फाइनल जीता।
सिंधु लाईं सोना, सीधे गेम में दी मिशेल ली को मात
ओलिंपिक मेडलिस्ट ने पहले गेम की फॉर्म दूसरे में भी बरकरार रखी। आक्रामक शुरुआत के साथ पहले 3-2 की बढ़त ली, जिसे कुछ ही देर में 10-4 पर पहुंचा दी। यहां ली ने कई शॉट बाहर मारे, जिसका फायदा सिंधु को मिला। ली भी कहां हार मानने वाली थी। उन्होंने वापसी करते हुए 2 पॉइंट नेट पर लिए, लेकिन ब्रेक तक सिंधु ने एक बार फिर 11-6 की लीड ले ली। सिंधु के ड्रॉप शॉट्स शानदार थे। एक बार तो ली कोर्ट में उसे उठाने में गिर ही पड़ीं। सिंधु को टक्कर देने की वह पूरी कोशिश कर रही थी। वह पीछा करते हुए स्कोर 10-13 तक लेकर भी आई, लेकिन सिंधु के ड्रॉप आज कमाल कर रहे थे। दर्द में होने के बावजूद वह हार नहीं मान रही थीं। उन्होंने बढ़त बनाए रखी और दूसरा गेम 21-13 से जीतते हुए गोल्ड अपने नाम कर लिया।