18 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया को मिला था सबसे सफल कप्तान, डेब्यू मैच में हुए थे रन आउट
महेंद्र सिंह धोनी के लिए 23 दिसंबर की तारीख स्पेशल है. उन्होंने 18 साल पहले 2004 में आज ही के दिन बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. हालांकि, उनके लिए यह मैच यादगार नहीं रहा था. वो पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे.
आज से 18 साल पहले 23 दिसंबर 2004 को चटगांव के एम.ए. अजीज ग्राउंड पर भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरिज का एक मैच खेला जा रहा था. उसी मैच में भारत की तरफ से एक लंबे बालों वाला विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने करियर की शुरुआत ‘शून्य’ से की थी. तब किसे पता था कि अपने डेब्यू और पहले चार मुकाबले में निराश करने वाला यह युवा बल्लेबाज एक दिन क्रिकेट के इतिहास में वो मुकाम हासिल करेगा, जिसे दुनिया कप्तान ‘मिस्टर कूल’ के नाम से जानेगी. जो भारतीय क्रिकेट टीम को न सिर्फ शिखर तक ले जाएगा, बल्कि सर्वश्रेष्ठ कप्तानी करते हुए देश को 2 वर्ल्ड कप भी जिताएगा.
जिसने कामयाबी की ऐसी इबारतें गढ़ीं, जिसका सपना हर खिलाड़ी देखता है. लेकिन, उस मुकाम तक चंद लोग ही पहुंच पाते हैं और यह भारतीय खिलाड़ी उस मुकाम तक पहुंचा. इस खिलाड़ी का नाम महेंद्र सिंह धोनी है, जिन्होंने आज ही के दिन 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. हालांकि, उनकी शुरुआत ऐसी रही, जिसे शायद ही कोई खिलाड़ी याद रखना चाहेगा. क्योंकि,धोनी पहले ही गेंद पर रन आउट हो गए थे. वो खाता तक नहीं खोल पाए थे.
यह अलग बात है कि ऐसी शुरुआत के बावजूद धोनी डटे रहे और एक-एक कर कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए. पहले बतौर खिलाड़ी अपनी जगह पक्की की और फिर कप्तानी में कामयाबी के नए इतिहास रचे. एक नहीं, तीन-तीन आईसीसी ट्रॉफी देश के नाम की. उनकी सफलता के बारे में जानने से पहले, यह जान लेते हैं कि धोनी के साथ पहले इंटरनेशनल मैच में क्या हुआ था? वो कैसे शून्य पर रन आउट हो गए थे.
धोनी डेब्यू मैच में रन आउट हो गए थे
धोनी ने 2004 में टीम इंडिया के बांग्लादेश दौरे पर खेले चटगांव वनडे में डेब्यू किया था. वो ऐसे समय क्रीज पर आए थे, जब भारत ने 5 विकेट गंवा दिए थे और 10 ओवर से कम का खेल बचा था. उनसे तेजी से रन बनाने की उम्मीदें थीं. धोनी ने बाएं हाथ के स्पिनर मोहम्मद रफीक की पहली गेंद का सामना किया और उसे फाइन लेग की दिशा में खेलकर एक रन के दौड़ पड़े. लेकिन, नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े मोहम्मद कैफ ने उन्हें रुकने का इशारा कर दिया. धोनी क्रीज से काफी आगे निकल चुके थे, वो जब तक पीछे लौटे, तब तक फील्डर ने विकेटकीपर खालेद मसूद के हाथों में गेंद पहुंचा दी थी उन्होंने बेल्स गिराने में देरी नहीं की. इस तरह धोनी पहले ही गेंद पर रन आउट हो गए. वो मुस्कुराए और फिर तेजी से पवेलियन की तरफ लौट गए.
धोनी ने चौथे वनडे में ठोका था शतक
धोनी के इरादे मजबूत थे और अपने करियर के चौथे ही वनडे में उन्होंने इसे साबित भी कर दिखाया, जब विशाखापट्टनम में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तूफानी सैकड़ा ठोका था. इसके बाद तो धोनी सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. आने वाले सालों में सबसे बड़े मैच फिनिशर बने, कमाल के विकेटकीपर बने, कप्तानी में तमाम उपलब्धियां हासिल की. धोनी ने अपने इंटरनेशनल करियर में 16 शतक ठोके और 17 हजार से अधिक रन बनाए. विकेटकीपिंग के भी कई बड़े रिकॉर्ड उनके नाम रहे.
पहले भारत को दिलाया टी20 विश्व कप
साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में खेला गया. भारतीय सिलेक्टर्स ने युवा खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी को टीम का कप्तान नियुक्त किया. दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी20 विश्व कप में भारतीय टीम ने धोनी की कप्तानी में इतिहास रच दिया. भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में हराकर ख़िताब अपने नाम किया. विश्व को भारत के रूप में पहला टी20 चैंपियन मिल चुका था.
हर किसी को धोनी के खेल के अलावा उनके नेतृत्व पर भरोसा था. उन्हें टी20 विश्व कप के बाद सभी फ़ॉर्मेट की कप्तानी दे दी गई.
साल 2009 में पहली बार भारत टेस्ट रैंकिंग में पहले नंबर पर पहुंची. टेस्ट में बादशाहत हासिल करने के बाद उनके नेतृत्व में टीम की कामयाबी का सिलसिला यहीं नहीं रुका.
फिर कप्तान ‘मिस्टर कूल’ के नेतृत्व में भारत ने कमाल कर दिया
साल 2011 में वनडे वर्ल्ड कप खेला गया. जिसमें सभी की निगाहें भारत पर टिकी थीं और भारतीयों को अपने कप्तान और उनकी टीम पर भरोसा था. जिन्होंने उनका भरोसा नहीं तोड़ा और 28 साल बाद इतिहास रचते हुए भारत को दूसरा वर्ल्ड कप जिता दिया.
1983 के बाद एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम ने विश्व कप का ख़िताब अपने नाम कर लिया था. जिसके फाइनल में धोनी का यादगार छक्का काफी खास रहा.
शानदार रहे हैं उनके आकड़े
फिर साल 2013 में धोनी की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को हराकर ICC चैम्पियंस ट्रॉफी जीती.
उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में सफल कप्तानी के साथ भारत के लिए एक बेहतरीन फिनिशर की भी भूमिका निभाई. साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने फैंस को हैरान कर दिया. फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 में अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला.
15 अगस्त 2020 को महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया. हालांकि, वह आईपीएल में अब तक खेल रहे हैं.
ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़