अफसरों की लापरवाही से उत्तराखंड में बदहाल हो गईं सड़कें,घटिया डामरीकरण से करोड़ों रुपये बर्बाद
उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते सड़कों की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। हालात यह हैं कि सड़कें करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बदहाल हैं। कहीं तीन महीने में ही डामर उखड़ रहा है, तो कहीं सड़कें बनाई ही नहीं जा रही। इससे स्थानीय लोग परेशान हैं। वहीं बदहाल सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुए है। लेकिन सरकारी तंत्र लापरवाह बना है।
हल्द्वानी से लगे छड़ायल में एक सप्ताह पहले बनकर तैयार हुई सड़कों की गुणवत्ता पर अभी से सवाल उठने लगे हैं। करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार हुई सड़कें अभी से जगह-जगह उखड़ने लगी है। इसकी शिकायत भी लोगों ने लोनिवि के अफसरों से की है। डामरीकरण उखड़ने के अलावा लोगों ने डामर बिछाने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं। हिन्दुस्तान की टीम ने छड़ायल क्षेत्र की सड़कों में पांच किलोमीटर का सफर किया। छड़ायल चौराहे के आसपास 5 स्थानों पर एक सप्ताह पहले बनी सड़क उखड़ी मिली।
सड़क के दोनों किनारों पर हाटमिक्स अभी से बिखरने लगा है। स्थिति यह है कि राहगीरों के पैरों की ठोकर से हाटमिक्स उखड़ रहा था। स्थानीय कारेाबारी सचिन जायसवाल ने बताया कि चौराहे से आगे तीन स्थनों पर सड़क को डामरीकरण किए बगैर ही छोड़ दिया गया। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि कई जगह मिट्टी के ऊपर ही हाटमिक्स कर दिया गया है। इसकी शिकायत संजय गोयल के नेतृत्व में अफसरों से की लेकिन कार्यवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि सड़क के निर्माण की गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण डामरीकरण के बावजूद सड़क पर चल रहे वाहनों में झटके लग रहे हैं।
काशीपुर: शिकायत पर नहीं सुधरी सड़क
काशीपुर। सुभाषनगर कालोनी के राहुल कुमार, वाहिद हुसैन ने बताया की सड़क में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। इसकी मौक़े पर निरीक्षण करने आए विभागीय अधिकारियों से शिकायत की गई थी। तब अधिकारियों ने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में कमी होने की बात कहकर जल्द सड़क निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं किया गया।
उत्तरकाशी में भी लापरवाही: डुंडा ब्लॉक के सेम मुखेम मोटर मार्ग पर लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार की लापरवाही से डामर तीन महीने में ही उखड़ गया है। सड़क की हालत खराब होने और स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद विभाग ने एक बार डामरीकरण के नाम पर लीपापोती शुरू कर दी है। मामला प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग उत्तरकाशी का है। विभाग की ओर से देवीधार से सेममुखेम मोटर मार्ग पर किलोमीटर 11 से 14 तक पटड़ी से कलीगांव तक नवम्बर के महीने में डामरीकरण किया था। इसके लिए विभाग ने 56 लाख का बजट दिया। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कार्य की गुणवता को सही ढंग से नही परखा। नतीजा यह रहा कि महज तीन माहीने बाद ही सड़क पर की गई पेंटिंग उखड़ने लगी।
वसुंधरा बैक्वेट हाल के पास डामरीकरण कर बन रही सड़क की शिकायत ईई एके चौधरी कर दी है। क्षेत्र में बन रही हाटमिक्स सड़क के निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जिसके चलते हाटमिक्स के बाद सड़क में गाड़ियों को झटके लग रहे हैं। कई स्थानों पर सड़क को आधा अधूरा छोड़ दिया गया है।
संजय गोयल, निवासी छड़ायल।
सड़कों के संबंध में सीधी शिकायत नहीं मिली है। एक-दो जगह जहां सड़कें उखड़ी है वहां जल्द दोबारा निर्माण कराया जाएगा।
अरुण कुमार, ईई, लोनिवि काशीपुर खंड।
हाटमिक्स के दौरान मिक्सिंग व बिटुमिन की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सड़कें उखड़ने लगी हैं। हाटमिक्स के बाद नई सड़कों को कम से कम पांच साल व नई लेयर वाली सड़कों को तीन साल तक चलना चाहिए। लेकिन वर्तमान में नई सड़कें एक साल तक भी नहीं चल रही।
जेएस बिष्ट, रिटायर्ड इंजीनियर लोनिवि।
छड़ायल के पास बन रही हाटमिक्स सड़क की गुणवत्ता को लेकर लोगों ने शिकायत की है। इसकी जल्द जांच की जाएगी। शिकायत सही पाई जाती है तो जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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