उत्तर-प्रदेश: सुलतानपुर के जेलर वीरेंद्र वर्मा द्वारा बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी को सुविधा देने आरोप में सस्पेंड कर दिया गया
माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। बांदा में जेलर रहे वीरेंद्र वर्मा पर मुख्तार को सुविधायें उपलब्ध कराने के आरोप लगे थे। जिसकी जांच डीआइजी जेल को सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाये गए।
माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में सुल्तानपुर जेलर वीरेंदर वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। तीन माह पूर्व वीरेंद्र वर्मा पर माफिया को सुविधा देने के आरोप लगे थे जिसकी जांच DIG जेल कर रहे थे। जांच में सुल्तानपुर जेलर पर लगे सभी आरोप सत्य पाए गए।
वह बांदा जेल में अप्रैल 2023 तक करीब सवा वर्ष तैनात रहे थे। उनके ऊपर आरोप है कि जेल मैनुअल से हटकर मुख्तार अंसारी की मुलाकात कराने वह उनका सामान अंदर पहुंचा रहे थे। जिसको लेकर यहां से उनका स्थानांतरण फतेहगढ़ जेल किया गया था। हालांकि इस समय वह सुल्तानपुर जेल के प्रभारी अधीक्षक रहे हैं। जहां तैनात रहने के दौरान उन पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई है। डीआइजी जेल प्रयागराज की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने निर्णय लिया है। डीजी जेल एसएन सावंत ने बताया कि कारागार मुख्य सचिव स्तर से दो दिनों से इस संबंध में कार्रवाई चल रही थी।
बीते एक अप्रैल को डीएम-एसपी की ओर से छापा मारा गया था। इस दौरान जेल में कुछ आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे। डीएम, एसपी और उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज परिक्षेत्र की जांच आख्या के आधार पर विशेष सचिव राजेश कुमार राय की संस्तुति पर कार्रवाई की गई। वर्मा ने बांदा से यहां आकर बीते एक जुलाई को कार्यभार ग्रहण किया था। 15 दिन के भीतर उन पर यह कार्रवाई हो गई।
बता दें कि पंजाब के रूपनगर जेल से बांदा स्थानांतरित हुआ माफिया मुख्तार पूर्व में भी यहां निरुद्ध रह चुका है। मुख्तार अंसारी ने तब 30 मार्च वर्ष 2017 से 21 जनवरी वर्ष 2019 तक बांदा जेल में समय काटा था। तब भी जेल में उसका पता बैरक नंबर 15 ही था।