Swami Prasad Maurya ने सेंगोल को लेकर भाजपा पर साधा निशाना, नए संसद भवन में पूजा कराने वाले ब्राह्मणों पर उठाया सवाल
रामचरितमानस प्रकरण के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई संसद में पूजा कराने वाले तमिल ब्राह्मणों को कट्टर करार दिया है। उन्होंने बीजेपी पर ब्राह्मवाद फैलाने का आरोप लगाया है। सपा नेता ने कहा कि बीजेपी अपनी घृणित सोच और दूषित मानसिकता को प्रदर्शित किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन और सेंगोल राजदंड स्थापना को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। रामचरितमानस पर विवाद के प्रकरण के बाद मौर्य ने रविवार को किए ट्वीट में कहा कि स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद स्थापित किया जा रहा है। हालांकि पूजन में सभी धर्मगुरु मौजूद रहे।
स्वामी ने ट्वीट कर कहा की, 'सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था।'
हालांकि स्वामी की बात से उलट नए संसद भवन में उद्घाटन के बाद 'सर्व-धर्म' प्रार्थना की गई। सपा नेता ने आगे लिखा, 'ऐसा ना करके भाजपा अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। यद्यपि कि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।'
स्वामी से पहले अखिलेश यादव ने भी नए संसद को लेकर सवाल पर कहा कि कितना भी बड़ा भवन बना लिया जाए लेकिन लोकतंत्र के मूल्यों को नहीं संजोया तो कोई फायदा नहीं है। गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को पिछड़ों और दलितों का अपमान करने वाला करार दिया था, जिसके बाद प्रतियां जलाए जाने के बाद विवाद की स्थिति बनी थी।