सीतापुर में खूनी संघर्ष में किशोरी की हत्या, 13 लोग हुए बुरी तरह घायल
घर के बाहर खड़ंजे के पास दरवाजा रखने को लेकर विवाद में घायल किशोरी ने लखनऊ में तोड़ा दम। दोनों पक्षों पर केस, मछरेहटा इलाके की घटना।
सीतापुर: थाना मछरेहटा क्षेत्र में बुधवार की रात घर के बाहर खड़ंजे पर दरवाजा रखने को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के बाद मामला खूनी संघर्ष में बदल गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ और लाठी-डंडे चले। घटना में एक किशोरी की मौत हो गई। उसने लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं दोनों पक्षों से 13 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की सूचना पाकर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की है।
पुलिस का कहना है कि कार्रवाई की जा रही है। मछरेहटा इलाके की ग्राम पंचायत फतहनगर मजरा लक्ष्मणपुर गांव में दरवाजा रखने को लेकर करीब डेढ़ माह से बराती और शत्रोहन के बीच विवाद चला आ रहा था। कई बार दोनों पक्ष आपस में भिड़ चुके थे। बुधवार की रात एक बार फिर दोनों आमने-सामने आ गए।
दरवाजा रखने का विरोध में हुई मारपीट
बुधवार की रात बराती दरवाजा खड़ंजे के पास रख रहे थे। इसकी सूचना मिलने के बाद शत्रोहन मौके पर पहुंचे और दरवाजा रखने का विरोध करने लगे। बात विवाद बढ़ने पर मामले ने तूल पकड़ लिया। दोनों पक्षों के लोग आ गए। इसके बाद जमकर मारपीट शुरू हो गई। लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर चले। घटना में एक पक्ष की फूलवती, सुखरानी, रामलाल, परशुराम, बराती, उदय, कमलेश, घायल हो गए। जबकि दूसरे पक्ष से मधुरानी, सिरदार, आरती, प्रियंका, काजल (15) पुत्री स्व. हरिश्चंद्र घायल हो गए। दोनों पक्षों से कुल 14 लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को मछरेहटा सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल काजल को जिला अस्पताल भेजा गया। यहां से रात में लखनऊ रेफर किया गया। लखनऊ में इलाज के दौरान किशोरी की मौत हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर लिया गया है। एसओ मछरेहटा मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि दो पक्षों में दरवाजा रखने को लेकर विवाद हुआ था। मारपीट में एक किशोरी की मौत हो गई है। तहरीर के आधार पर मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है। जांच पड़ताल कर कार्रवाई होगी।
पुलिस चेत जाती तो न होती घटना
घर के सामने खड़ंजे के पास दरवाजा रखने को लेकर दोनों पक्षों में अचानक विवाद में घटना नहीं है बल्कि दोनों पक्षों के करीब डेढ़ माह से इसको लेकर रंजिश चल रही थी। कई बार दोनों पक्ष टकराए। विवाद हुआ। मामला पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन आरोप है कि एसओ मछरेहटा ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। वह मामले में टाल मटोल करते रहे। विवाद को शांत कराने या फिर कार्रवाई करने तक की जहमत एसओ ने नहीं उठाई। यही वजह रही कि, मामला दिन पर दिन और तूल पकड़ता चला गया। नतीजतन, घटना हो गई। मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।