बाराबंकी: मंत्री अड़े, तब डेढ़ घंटे बाद आई नाव
शहर में आई बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे खाद्य रसद तथा नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सतीश शर्मा तब दंग रह गए, जब उन्होंने मोहल्लों में लोगों को पानी के बीच फंसा देखा। वृंदावन कॉलोनी में उन्होंने नाव मंगाकर तत्काल रेस्क्यू कराने के निर्देश दिए। अधिकारी आश्वासन देते रहे तो मंत्री वहीं पर बैठ गए। कहा कि जब तक नाव नहीं आएगी, तब तक नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय तक बात पहुंची तो आननफानन कमिश्नर व आईजी भी पहुंच गए। डेढ़ घंटे बाद नाव आई तो मंत्री दूसरे मोहल्लों में गए।
राज्यमंत्री सतीश शर्मा सुबह करीब 11 बजे भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक कुसमेश के साथ कमरियाबाग व अभयनगर पहुंचे। यहां राहत कार्यों का जायजा लिया। एनडीआरएफ के लोगों ने बताया कि बीते 24 घंटे से स्टीमर से रेस्क्यू चल रहा है। करीब 1500 लोगों को निकाला जा चुका है। इसके बाद मंत्री कोडीडीह, गोकुलनगर का हाल लेते हुए उज्जवलनगर पहुंचे। यहां के नागरिकों से बात की और साथ में मौजूद तहसीलदार से कहा कि सबको भोजन की व्यवस्था करें। इस दौरान वृंदावन कॉलोनी के कई लोग बदहवास हालत में आए और मंत्री को बताया कि कॉलोनी के अंदर दिव्यांग समेत एक दर्जन से अधिक परिवार फंसे हैं।
तहसीलदार ने बताया कि दो नाव थीं, वह टूट गई हैं। इस पर मंत्री का पारा चढ़ गया। उन्हाेंने तहसीलदार से कहा कि जब तक नाव मंगाकर रेस्क्यू नहीं शुरू होता है, यहां से जाऊंगा नहीं। मंत्री ने तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय को बताया कि बाराबंकी के हालात बहुत खराब हैं। यहां बड़े स्तर पर राहत की जरूरत है। राहत आयुक्त से राहत कार्य तेज करने को कहा। यह देख अफसर पसीना-पसीना हो गए। मंत्री व भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक कुसमेश करीब डेढ़ घंटे तक बैठे रहे। इसके बाद आननफानन कमिश्नर अयोध्या गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम अविनाश कुमार, एसपी दिनेश कुमार सिंह समेत कई अधिकारी पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे बाद नाव आई तो मंत्री वहां से रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने आवास विकास, काेठीडीह नई बस्ती का जायजा अफसरों के साथ लिया। छह घंटे तक पूरे शहर का जायजा लेने के बाद मंत्री, सांसद व जिलाध्यक्ष ने डाक बंगले में बैठक भी की।
भड़केे सांसद, कहा-चपरासी बनने लायक नहीं
बाराबंकी। शहर में बाढ़ का हाल देखकर सांसद उपेंद्र रावत ने सोमवार को ही नाव मंगाकर रेस्क्यू शुरू करने को कहा था। कोठीडीह में रात करीब साढ़े नौ बजे जर्जर नाव पहुंची जो पलट गई। पांच परिवार बचाव के लिए चिल्लाते रहे, मगर बचाव नहीं हो सका। पूरी रात सांसद के पास फोन आते रहे। डॉ. सरोज ने बताया कि एसडीएम से बात होने के बाद भी राहत नहीं मिल सकी। सुबह सांसद शहर का हालात लेने के लिए निकले तो फिर वही हालात मिले। इस पर उन्होंने एक अफसर को जमकर फटकारा। सांसद ने कहा कि लगातार भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने अफसर से कहा कि एसडीएम ताे दूर चपरासी बनने लायक नहीं हो।