बाराबंकी: तीन मंजिला इमारत ढही, नींव कमजोर या हुआ विस्फोट... असमंजस बरकरार, आ रही थी बारूद जैसी महक
बाराबंकी के फतेहपुर के काजीपुर मोहल्ले में हुए हादसे ने जहां हर किसी को झकझोर दिया है, वहीं कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा मकान ढहने से पहले हुए तेज धमाके को लेकर हो रही है। इसको लेकर हर कोई अपना मत प्रस्तुत कर रहा है, लेकिन आवाज इतनी तेज थी कि मोहल्ले के दूसरे छोर तक बसे लोगों के घर भी हिल गए थे।
बाराबंकी के फतेहपुर कस्बे में सोमवार भोर में एक तीन मंजिला इमारत तेज धमाके के साथ भरभराकर ढह गई। हादसे के दौरान घर व आसपास सो रहे 15 लोग मलबे के नीचे दब गए। इनमें चार की मौत हो गई।
आवाज सुनकर बाहर निकले पड़ोसियों की सूचना पर स्थानीय पुलिस और दमकल कर्मियों ने फौरन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और हादसे के करीब एक घंटे के भीतर एक दर्जन लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया, जबकि आठ गंभीर घायलों को लखनऊ रेफर कर दिया गया।
फतेहपुर के काजीपुर मोहल्ले में हुए हादसे ने जहां हर किसी को झकझोर दिया है, वहीं कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा मकान ढहने से पहले हुए तेज धमाके को लेकर हो रही है। इसको लेकर हर कोई अपना मत प्रस्तुत कर रहा है, लेकिन आवाज इतनी तेज थी कि मोहल्ले के दूसरे छोर तक बसे लोगों के घर भी हिल गए थे।
मोहल्ले के लोगों की मानें तो करीब तीन बजे धमाका हुआ, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। जहां धूल के साथ धुआं भी था, जिसमें बारूद जैसी महक आ रही थी। इसको लेकर कुछ लोग बैटरी में धमाका होने की बात कह रहे हैं तो कोई शॉर्ट सर्किट होना बता रहा है।
पुलिस की अब तक की तफ्तीश भी घर की नींव कमजोर होने या बैटरी में विस्फोट होने के इर्द-गिर्द घूम रही है। वहीं हाशिम के पुत्र इकबाल व अन्य रिश्तेदारों की मानें तो इलेक्ट्रॉनिक का कारोबार होता था, लेकिन बैटरी का काम नहीं होता था। ऐसे में बैटरी में विस्फोट को लेकर मतभेद की स्थिति है एवं विस्फोट के कारणों को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
नहीं हुई नमाज
हाशिम के घर के पास दर्जियाना मस्जिद में हादसे के बाद पूरे दिन नमाज नहीं पढ़ी गई। फजर, जौहर, असर, मगरिब और ईशा की नमाज अदा करने लोग नहीं पहुंचे और राहत कार्य में जुटे रहे।
हेड इंजरी से मौत की पुष्टि
हादसे में जान गंवाने वाले हकीमुद्दीन, रोशनी व दानिश का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में तीनों की मौत हेड इंजरी की वजह से होने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम के बाद तीनों शवों को फतेहपुर ले जाया गया, जहां हकीमुद्दीन का शव उसके बहनोई बंटी के घर नई दुनिया मोहल्ले में रखवाया गया।
वहीं दानिश व उसकी बहन रोशनी के शवों को उनके रिश्तेदार डॉ. जमाल निवासी नालापार दक्षिणी के घर पर रखवाया गया है। देर शाम तीनों के शव सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। हकीमुद्दीन पर अपने परिवार के भरण पोषण का जिम्मा था। वहीं हाशिम के घर उसकी पुत्रवधू शाहीन परवीन बदहवास हैं।
सवा करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट होने का अनुमान
इस हादसे के दौरान हाशिम का पूरा घर जमींदोज हो गया। साथ ही उसमें रखे गृहस्थी के सामान के अलावा गोदाम में भरा लाखों रुपये का सामान भी नष्ट हो गया। हाशिम को करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं पड़ोस के इस्लामुद्दीन, उस्मान, मुन्ना के घर व मस्जिद क्षतिग्रस्त होने से 20 से 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।