करोड़पति बनने के लिए घर में ही लगा दी नोट छापने की मशीन, जमकर कमा रहे थे पैसा- एक गलती ने खोल दी पोल पट्टी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 30 दिसंबर को नकली करेंसी के साथ जिले के थाना जरीफनगर क्षेत्र के गांव जरैठा निवासी दानिश अली उस्मानपुर निवासी आसिफ और बिल्सी के गांव बेहटा गुसाईं निवासी सरताज काे गिरफ्तार किया था। उनके पास से बड़ी मात्रा में नकली भारतीय मुद्रा पकड़ी गई थी। उन्होंने बताया कि वह कई साल से यह काम कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने नकली करेंसी के साथ जरीफनगर के दो और बिल्सी के एक आरोपित को गिरफ्तार किया। अब रिमांड पर उनसे पूछताछ चल रही तो हर दिन नए नाम सामने आ रहे। उनकी टीम में कौन कौन था यह पता चल रहा।
नकली करेंसी छापने के लिए सेटअप लगाने वाले दानिश ने पूछताछ में अपने गांव जरैठा की प्रधान के देवर का नाम लिया। बताया कि वही करेंसी छपवाता था और उनसे लेकर सप्लाई करता था।
इसके बाद से दिल्ली पुलिस की टीम प्रधान के देवर यासीन की तलाश में जुटी हैं। गुरुवार और शुक्रवार को एक टीम ने जरैठा, सहसवान और जरीफनगर के अलग अलग स्थानों पर दबिश दी। लेकिन जिन्हें वह ढूंढ रहे थे, वह हाथ नहीं लगे।
घर में ही लगा रखा था सेटअप
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 30 दिसंबर को नकली करेंसी के साथ जिले के थाना जरीफनगर क्षेत्र के गांव जरैठा निवासी दानिश अली, उस्मानपुर निवासी आसिफ और बिल्सी के गांव बेहटा गुसाईं निवासी सरताज काे गिरफ्तार किया था। उनके पास से बड़ी मात्रा में नकली भारतीय मुद्रा पकड़ी गई थी।
उन्होंने बताया कि वह कई साल से यह काम कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने दो जनवरी को उन तीनों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। तब से तीनों पुलिस की रिमांड पर हैं और उनसे पूछताछ जारी है।
ग्राम प्रधान के देवर का नाम आ रहा सामने
बताते हैं कि पूछताछ में उन्होंने जरैठा गांव की प्रधान के देवर यासीन का नाम लिया है। बताया कि यासीन ही इस धंधे का मुख्य सूत्रधार है।
वह कई दिनों से इस धंधे में जुड़ा था। उसने ही दानिश को इस धंधे में लगाया। उसने ही सेटअप लगाने के लिए रुपये का निवेश किया था। पता चला कि यासीन ही रुपये काे 30 से 40 परसेंट पर ग्राहकों को चलाने के लिए देता था। इसके बदले उसे असली करेंसी मिलती थी।
पूछताछ में एक बैंक के कैशियर का नाम भी सामने आया है। पुलिस प्रधान के देवर यासीन की तलाश में लगी है। इसके लिए गुरुवार रात से शुक्रवार तक कई ठिकानों पर दबिश भी दी गई। लेकिन प्रधान के घर टीम को कोई नहीं मिला। वहीं सहसवान कस्बे के अकबराबाद और जरीफनगर के उस्मानपुर में दबिश दी। इसके अलावा संभल के कादराबाद में भी टीम आरोपितों की तलाश में पहुंची, लेकिन सफलता नहीं मिली।
सहसवान पुलिस ने कराया किराएदारों का सत्यापन
सहसवान कोतवाली क्षेत्र की चौकी नंबर चार में स्थित जिस मकान में दानिश अस्पताल और नकली नोट छापने का काम करता था। उस मकान में और भी कई किराएदार रह रहे हैं।
इस मकान का मालिक आमिर तो झारखंड में रहता है। लेकिन उसकी पत्नी बानो यहां रहती है और वहीं इस मकान पर किराएदारों को रखती है। इंस्पेक्टर सौरभ सिंह ने बताया कि कोतवाली पुलिस ने उस मकान में रह रहे अन्य किराएदारों का सत्यापन किया है। जिसमें सभी सही पाए गए हैं।
दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम इस मामले में काम कर रही है। इसलिए स्थानीय स्तर पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। कई एजेंसियां भी लगी हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर मदद मागे जाने पर ही काम किया जाएगा। टीमें आ रहीं है, जांच कर रही हैं। स्थानीय पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। -राकेश सिंह, इंस्पेक्टर, जरीफनगर