पुलिस के मुखबिर ही निकले लुटेरे: मुखबिरी करने पर नहीं मिलता था ज्यादा मुनाफा
छानबीन में सामने आया है कि गिरोह का मास्टर माइंड आजम और राकेश कुमार पहले पुलिस के मुखबिर थे। दोनों हवाला कारोबार से जुड़े हैं। हालांकि पुलिस से अपने आप को बचाने के लिए वह लोग हवाला की रकम लेकर जाने वाले व्यापारियों की मुखबिरी कर देते थे। सूत्रों का कहना है कि मुखबिरी करने पर उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं मिला तो आरोपितों ने खुद को गिरोह तैयार कर लिया।
पुलिसकर्मी बनकर नाका और बीकेटी में लूटपाट करने वाले गिरोह की जड़ें काफी गहरी हैं। पुलिस की पूछताछ में गिरोह ने इन दो घटनाओं के अलावा अन्य के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस पकड़े गए सातों आरोपितों का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।
छानबीन में सामने आया है कि गिरोह का मास्टर माइंड आजम और राकेश कुमार पहले पुलिस के मुखबिर थे। दोनों हवाला कारोबार से जुड़े हैं। हालांकि पुलिस से अपने आप को बचाने के लिए वह लोग हवाला की रकम लेकर जाने वाले व्यापारियों की मुखबिरी कर देते थे।
नहीं मिलता था ज्यादा मुनाफा
सूत्रों का कहना है कि मुखबिरी करने पर उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं मिला तो आरोपितों ने खुद को गिरोह तैयार कर लिया। हवाला की रकम खुद व्यापारियों को पहुंचाने के बाद अपने साथियों को उनके बारे में बता देते थे। जैसे ही कोई व्यापारी रकम लेकर निकलता था। आरोपित उन्हें रोक लेते थे और खुद को पुलिसकर्मी बताकर रुपये लूट लेते थे। आजम अपने साथियों के लिए पुलिस का फर्जी पहचान पत्र तैयार करता था। इसे सभी साथियों में बांट दिया जाता था ताकि भीड़ जमा हो जाने पर लोगों को आइकार्ड दिखाकर खुद को बचाया जा सके। डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी के मुताबिक आरोपित लखीमपुर खीरी निवासी ऋषि कनौजिया व उसका भाई सौरभ, लाल कुआं निवासी आजम अहमद, बछरावां निवासी जावेद, अमीनाबाद निवासी दानिश, गोरवामऊ बीकेटी निवासी आकाश गौतम और बीकानेर राजस्थान निवासी राकेश कुमार पारी ने पूछताछ में कोई और घटना नहीं कबूली है। सभी के बारे में विस्तार से जानकारी की जा रही है। गिरोह में आरोपितों के साथ और कौन था, इसकी छानबीन भी होगी। बरामद रुपये आयकर विभाग को सौंप दिए गए हैं। आयकर की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। गिरोह ने मंगलवार रात में नाका फ्लाइओवर के पास एक कारोबारी के कर्मचारी भवानी से 15 लाख रुपये लूट लिए थे। यही नहीं, बीकेटी से लकड़ी कारोबारी सरदार भूपेंद्र सिंह को अगवा कर उनसे आठ लाख 55 हजार रुपये लूटकर भाग गए थे। पुलिस ने घटना का राजफाश कर 23 लाख 55 हजार रुपये बरामद कर सातों आरोपितों को जेल भेज दिया था।