लखनऊ: दो लोग हुए साइबर ठगी का शिकार, CISF सब-इंस्पेक्टर बन युवक से ऐंठे 2.9 लाख, पति का परिचित बताकर महिला से 90 हजार की ठगी
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने दो लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। एक व्यक्ति को सीआईएसएफ का सब इंस्पेक्टर बनकर किराए पर मकान लेने के नाम पर करीब 3 लाख ठगा। वहीं एक महिला को उसके पति का परिचित बताकर 94 हजार ठगे।
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने दो लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। एक व्यक्ति को सीआईएसएफ का सब इंस्पेक्टर बनकर किराए पर मकान लेने के नाम पर करीब 3 लाख ठगा। वहीं एक महिला को उसके पति का परिचित बताकर 94 हजार ठगे। साइबर क्राइम में शिकायत की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक मयूर विहार कालोनी मड़ियांव के रहने वाले प्रदीप कुमार पुत्र स्वर्गीय गुरु चरण लाल के पास सुबह 8:30 किराए पर मकान के लिए कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना परिचय सीआईएसएफ का सब इंस्पेक्टर बताया। उसने अपना आधार कार्ड और मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स का कार्ड भेजा।
इसके बाद एडवांस भेजने के लिए आईसीआईसीआई की बैंकिंग ऐप खोलने के लिए बोला। ऐप खोलते ही पीएनबी की मदुरै ब्रांच से चार ट्रांसक्शन कर 2 लाख 92 हजार निकाल लिए।
पति का परिचित बता ठगी
वहीं अन्य मामले में सेक्टर ए, मड़ियांव की रहने वाली रेनू मिश्रा पत्नी शरद मिश्रा के पास 7 मार्च को अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। उस व्यक्ति ने उनके पति की पूरी जानकारी देते हुए उनका परिचित बताया। फिर खाते में 25 हजार भेजने की बात कही। इसके बाद उनके मोबाइल पर 70 हजार का मैसेज आया। फिर कहने लगा गलती से ज्यादा चला गया है, पैसे वापस कर दीजिए। रेनू ने गूगल-पे से पैसे ट्रांसफर किया।
इसके बाद उनके पास से पैसे कटते चले गए। लेकिन उनके पास ट्रांसक्शन डिसमिस का मैसेज आता रहा। जिसकी वजह से 5 ट्रांजेक्शन किया और कुल 94 हजार 500 खाते से कट गए। जब उन्हें ठगी का पता चला तबतक डिसमिस के सभी मैसेज डिलीट हो गए। फिलहाल दोनों मामलों में पुलिस जांच कर रही है।