यूपी चुनाव 2022: गोरखपुर नहीं आएंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा का रोड शो निरस्त
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम न मिल पाने की वजह से गोरखपुर में भाजपा का प्रस्तावित रोड शो निरस्त। देवरिया कर्यक्रम में भी नहीं पहुंच सके अमित शाह।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम न मिल पाने की वजह से गोरखपुर में 26 दिसंबर को भाजपा का प्रस्तावित रोड शो निरस्त हो गया है। अब जनसभा टाउनहाल में ही होगी। जनसभा का मुख्य अतिथि के रूप में कौन होगा, इसका पता अभी नहीं चल पाया है।
26 दिसंबर को भाजपा की जन विश्वास यात्रा गोरखपुर ग्रामीण व शहर विधानसभा क्षेत्र में आएगी। यात्रा का स्वागत नौसड़, ट्रांसपोर्टनगर व शास्त्री चौक पर किया जाएगा, फिर यात्रा का रथ टाउनहाल की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
गोरखपुर के बाद यात्रा महाराजगंज होगी रवाना
सूत्रों के अनुसार टाउनहाल से ही रोड शो भी होना था। इसका रूट भी तय हो गया था। भाजपा नेताओं के मुताबिक रोड शो टाउनहाल से घोष कंपनी, नखास, कोतवाली रोड होकर बक्शीपुर जाना था, लेकिन अतिथियों का नाम तय नहीं हो सका। इस कारण रोड शो स्थगित कर दिया गया है। अब जन विश्वास यात्रा का रथ टाउनहाल आएगी। महात्मा गांधी की मूर्ति के पास ही मंच बनेगा और जनसभा होगी। फिर यात्रा महराजगंज की तरफ रवाना हो जाएगी। महराजगंज के फरेंदा में 30 दिसंबर को जनसभा होनी है। फरेंदा की जनसभा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करनी है।
देवरिया कर्यक्रम में भी नहीं पहुंच सके अमित शाह
रैली, जनसभा व रोड शो को लेकर भाजपा नेता ऊहापोह की स्थिति में है। इसी का नतीजा है कि देवरिया के सलेमपुर में शुक्रवार (24 दिसंबर) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा नहीं हो सकी। पहले अमित शाह को आना था, लेकिन अंतिम समय पर कार्यक्रम निरस्त हो गया। जन विश्वास यात्रा का समापन तीन जनवरी को बस्ती में होना है। बड़ी जनसभा भी प्रस्तावित है पर अतिथि कौन होगा, यह अभी तक तय नहीं है। यही हाल गोरखपुर की जनसभा का है। अभी तक मुख्य अतिथि तय नहीं है।
पदाधिकारियों के रवैये से कार्यकर्ताओं में नाराजगी
भाजपा की क्षेत्रीय व जिला इकाई के कुछ पदाधिकारियों के रवैये से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। अनुशासनहीनता की जद में आने की वजह से कार्यकर्ता खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन दबी जुबान ही पदाधिकारियों को खरी-खोटी सुना रहे हैं। उनका कहना है कि दिनभर बैठकों का दौर चल रहा है। क्षेत्र में काम लिया जा रहा है, लेकिन कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।
कार्यकर्ता अपने खर्च पर सब कुछ कर रहे हैं। इससे परेशानी बढ़ी है। इस मामले की शिकायत पदाधिकारियों से भी की गई। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। अगर समय रहते कार्यकर्ताओं को नहीं सहेजा गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान संभव है।