उन्नाव: करंट से नहीं जहर से हुई चार बच्चों की मौत? आरोप के बाद पिता ने किया आत्महत्या का प्रयास
उन्नाव जिले के बारासगवर क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में चार बच्चों की जहर से मौत होने का तथ्य सामने आने के बाद पत्नी समेत अन्य स्वजन ने बच्चों के पिता पर अंगुली उठाई तो उसने कीटनाशक खा लिया। उल्टियां होने पर घरवालों को जानकारी हुई तो खलबली मच गई। स्वजन ने उल्टियां कराई तो पिता द्वारा खाई गई कीटनाशक की गोली पेट से निकलकर बाहर आ गई।
उन्नाव जिले के बारासगवर क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में चार बच्चों की जहर से मौत होने का तथ्य सामने आने के बाद पत्नी समेत अन्य स्वजन ने बच्चों के पिता पर अंगुली उठाई तो उसने कीटनाशक खा लिया। उल्टियां होने पर घरवालों को जानकारी हुई तो खलबली मच गई।
स्वजन ने उल्टियां कराई तो पिता द्वारा खाई गई कीटनाशक की गोली पेट से निकलकर बाहर आ गई। लालमनखेड़ा गांव निवासी वीरेंद्र के चार मासूम बच्चे मयंक, हिमांशी, हिमांक व मानसी के शव सोमवार शाम चार बजे कोठरी में पड़े मिले थे। पंखे में उतरे करंट से मौत का शोर मचा दिया गया था।
रिश्तेदारों ने पिता पर लगाया आरोप
सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से बच्चों की मौत की बात सामने आई थी। इसके बाद से परिवार की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। बच्चों की मां शिवदेवी व मामा के अलावा चचेरे बाबा ने दिवंगत बच्चों के पिता वीरेंद्र पर ही हत्या का शक जताया। इसी के बाद मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे वीरेंद्र ने कीटनाशक खा लिया।
स्वजन ने उल्टियां कराईं तो गोली पेट से बाहर निकल गई। चारपाई के पास एक डिब्बी पड़ी मिली। जानकारी की तो पता चला कि डिब्बी में छह गोली आती है। मौजूदा समय में डिब्बी में दो ही गोलियां थी। जब पिता वीरेंद्र से स्वजन ने इस बाबत जानकारी ली तो उसने बताया कि डेढ़ माह पहले बारासगवर के धानीखेड़ा स्थित एक बीज भंडार से कीटनाशक खरीदी थी।
तीन गोली कहां गई, जब यह बात पूछे जाने पर पिता वीरेंद्र चुप्पी साध गया। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसी डिब्बी की तीन गोलियां दूध में उन मासूम बच्चों को दी गई। अब दिवंगत बच्चे की मां व मामा के अलावा चचेरे बाबा ने भी कीटनाशक देकर बच्चों की हत्या किए जाने की बात कह पिता वीरेंद्र पर ही शक जताया है।