दो बांग्लादेशियों को यूपी ATS ने देवबंद से हिरासत में लिया है, उनके पास से जाली आधार कार्ड, पासपोर्ट व वोटर ID बरामद
यूपी एटीएस को जानकारी मिली थी कि हबीबुल्लाह और अब्दुल जो मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले हैं, वो कूटरचित भारतीय दस्तावेजों के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक बताकर अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड एटीएस को बड़ी सफलता मिल गई है। यूपी एटीएस ने कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर अवैध रूप से भारत मे रह रहे 2 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हबीबुल्लाह मिस्बाह और अहमदुल्ला उर्फ अब्दुल अवल के रूप में हुई है। हबीबुल्लाह और अब्दुल मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले है, लेकिन यह लोग यूपी के सहारनपुर में रह रहे थे।
दरअसल एटीएस को इनके देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की भी जानकारी मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए एटीएस ने दोनों आरोपियों को सहारनपुर के देवबंद से बुधवार को धर दबोचा है। इनके पास से मोबाइल, सिम कार्ड, आधार कार्ड की फ़ोटो कॉपी, पासपोर्ट सेवा केंद्र की रसीद की फोटोकॉपी, बांग्लादेश का पासपोर्ट, भारतीय वोटर आईडी समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
अवैध रूप से बॉर्डर पार किया
वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने एटीएस पूछताछ में बताया कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं और अवैध रूप से बॉर्डर पार करके यहां पर आये हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण दिनाजपुर वेस्ट बंगाल के पते पर अवैध रूप से कूटरचित भारतीय दस्तावेज तैयार करवाए और भारत में छिपकर रह रहे थे। हबीबुल्लाह ने अपना भारतीय पासपोर्ट बनवाने के लिए कूटरचित भारतीय दस्तावेजों के आधार पर आवेदन कर रखा है।
कैसे जुटाए फर्जी दस्तावेज?
वहीं जेल में बंद बाग्लादेशी आरोपी शहादत हुसैन के बारे में पूछने करने पर अहमदुल्लाह ने बताया कि वो शहादत हुसैन को बहुत अच्छी तरह से जानता है, शहादत भी बांग्लादेश का रहने वाला है और भारत में अवैध तरीके से रह रहा था। उसने बताया कि शहादत हुसैन के भाई ने बांग्लादेश से रूपए भेजे थे, जिसे अहमदुल्लाह ने शहादत हुसैन की पत्नी समा परवीन को दे दिए थे। उधर एटीएस फर्जी पहचान पत्र बनाने में सहयोग करने वाले सहयोगियों की जानकारी में जुट गई है।