पुलिस विभाग ही नहीं हर जगह हैं अतीक अहमद के 'रफीक', योगी की खुली छूट देने के बाद क्यों नहीं पकड़े जा रहे शूटर?
उमेश पाल हत्याकांड को एक महीने हो गए हैं। अब तक शूटरों का कहीं कुछ अता-पता नहीं है। वहीं, कुछ पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर करके खानापूर्ति की जा रही है।
पूर्वांचल के बाहुबली-माफियाओं में अलग रसूख बनाने वाले अतीक अहमद के केवल पुलिस विभाग में ही मददगार, शुभचिंतक नहीं हैं, बल्कि हर विभाग हर संस्था, हर राजनीतिक पार्टी में हैं। सौ आदमी में दस आदमी अतीक अहमद के रफीक यानी शुभचिंतक-मददगार हैं।
अतीक अहमद पर लगातार कार्रवाई फिर भी रसूख बरकरार
जिस तरह से अतीक अहमद के आपराधिक साम्रज्य को खत्म करने में योगी आदित्यनाथ ने अपनी पूरी ताकत झोंक, पूरी मशीनरी लगा दी हो और वह दिनदहाड़े उसी दुस्साहस को दुहरा रहा हो, जो 18 साथ पहले उसके पास था। 24 फरवरी को दिनदहाड़े जिस तरह से उमेश पाल हत्याकांड हुआ, उसको प्रयागराज ही नहीं प्रदेश और देश ने देखा।
लोहे के चने चबाने जैसा है अतीक का खात्मा
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही सदन से घोषणा कर दी थी कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और मिट्टी में मिला दिया जाएगा। इसके बाद भी बाहुबली माफिया अतीक अहमद के रसूख और उनके हर जगह मौजूद शुभचिंतकों-मददगारों को खोजना नेस्तनाबूद करना लोहे के चने चबाना जैसा ही है।
भेदियों को भी मिल रहा संरक्षण
पुलिस विभाग में चिह्नित मददगारों पर सिर्फ ट्रान्सफर की कार्रवाई इसका सबसे बड़ा सबूत है, जिस पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त करना चाहिए, केस दर्ज करना चाहिए, उन्हें सिर्फ अन्य जगह ट्रांसफर किया गया, क्योंकि ये सभी लोग अतीक अहमद के मददगार हैं।
बता दें कि शुक्रवार को एक और इंस्पेक्टर जुनेद आलम को प्रयागराज से पुलिस अकेडमी मुरादाबाद भेज दिया गया है। सभी आदेश लखनऊ से जारी हुए हैं। भले ही यह विभागीय तबादला दिख रहा हो, लेकिन पर्दे के पीछे का सच यही है कि अतीक अहमद से मिलीभगत होने के आरोप में अब तक 9 पुलिस कर्मियों को स्थानांतरित किया जा चुका है।
गैर जनपद स्थानांतरित
पहले सूची में 8 पुलिस कर्मी शामिल थे। शहर के धूमनगंज करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात एक वर्ग विशेष के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को गैर जनपद भेजने का आदेश लखनऊ से जारी हुआ था। सभी पुलिस वालों को तत्काल जिले से कार्यमुक्त किया जाना था। गैर जनपद भेजे जाने वालों में धूमनगंज थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर के अलावा करेली और पूरामुफ्ती थाने में तैनात 3 सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। इसके साथ ही पूरामुफ्ती थाने में तैनात 2 सब इंस्पेक्टर और करेली थाने के एक सब इंस्पेक्टर का तबादला दूसरे मंडल में किया गया है। इन्ही 3 थानों में तैनात 4 सिपाहियों को गैर जनपद भेजा गया है। वहीं, अभी विभागीय जांच चल रही है। इसी तरह की कुछ और कार्रवाई आगे भी हो सकती है।
भेदियों की खोज जारी, रडार पर अन्य विभाग
24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड और इलाज के दौरान उमेशपाल की सुरक्षा में लगे दो सिपाहियों की मौत होने के बाद से ही अतीक अहमद के करीबियों, मुखबिरों और मददगारों की खोज जारी है। अन्य विभागों जैसे पीडीए, नगर निगम, राजस्व आदि विभागों में भी गोपनीय जांच चल रही है।