पीएम मोदी की किस बात पर बोले प्रशांत किशोर- 'साहेब इसका फैसला तो 2024 में ही होगा' ?
एक ट्वीट करते हुए किशोर ने कहा- “भारत के विचार की लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और उसी साल इसका फैसला भी होगा"
पांच राज्यों के चुनाव नतीजे घोषित हो चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यूपी सहित चार राज्यों में जीत हासिल की है. वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी को बंपर बहुमत मिला है. सियासी तौर पर देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को साल 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बताया जा रहा था. कहा जा रहा था कि जो भी इस चुनाव को जीतेगा, उसके लिए 2024 की राह अपने आप आसान हो जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 10 मार्च को दिए अपने भाषण में कुछ ऐसा ही कहा. गुरूवार, 10 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय से किए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा- “जब 2019 में हम दोबारा जीतकर आए थे, तो कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था कि इस जीत में कुछ खास नहीं है क्योंकि ये जीत तो साल 2017 में ही तय हो गई थी. वो ज्ञानी 2017 में यूपी चुनाव में हुई हमारी जीत की बात कर रहे थे. मुझे आशा है कि अब वो पॉलिटिकल ज्ञानी फिर कहेंगे कि 2022 की जीत ने 2024 की जीत तय कर दी है.”
‘2024 में होगी लड़ाई’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई है. एक ट्वीट करते हुए किशोर ने कहा- “भारत के विचार की लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और उसी साल इसका फैसला भी होगा. किसी राज्य से इसका फैसला नहीं होगा. साहेब (प्रधानमंत्री) इस बात को जानते हैं. इसलिए बड़ी चतुराई से एक राज्य के चुनाव नतीजों का इस्तेमाल विपक्ष के ऊपर निर्णायक मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने के लिए कर रहे हैं. उनके नैरेटिव में मत फंसिए और ना ही उसका हिस्सा बनिए.”
दरअसल, प्रशांत किशोर लगातार बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने में जुटे हुए हैं. पिछले साल उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी. जिसके बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत हुई थी. किशोर ने इसके बाद कांग्रेस आलाकमान से भी संपर्क साधा था. हालांकि, बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई थी.
जनवरी 2022 में तृणमूल कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच मनमुटाव की खबरें भी आई थीं. हालांकि, हाल ही में टीएमसी की राज्य कमेटी बैठक में प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी एक ही मंच पर दिखाई दिए थे. जिसके बाद मनमुटाव की खबरों पर विराम लग गया. गुरूवार को जब पांच राज्यों के विधानसभा परिणाम आए, तब प्रशांत किशोर टीएमसी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ गोवा में मौजूद रहे.