श्राप से भस्म कर देते, 21 लाख बचता... अयोध्या के 'बाबा' ने दी 'सर तन से जुदा' वाली धमकी तो मौर्य ने ली चुटकी
स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने वाले को 21 लाख का इनाम देने का विवादित ऐलान करने वाले महंत राजू दास पर सपा नेता ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बाबा सिर तन से जुदा की सुपारी दे रहे हैं। श्राप देकर भस्म क्यों नहीं कर देते। उनके 21 लाख बच जाते।
रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। मौर्य भी अपने बयान से पीछे हटते नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच अयोध्या की सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने विवादित ऐलान करते हुए कहा है कि जो भी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटेगा, उसे 21 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। महंत के इस बयान पर स्वामी ने पलटवार किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये कैसे बाबा हैं, जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने की सुपारी दे रहे हैं। जबकि वो श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते ये बातें कही हैं। दरअसल, इससे पहले महंत राजू दास ने कहा था कि राजनीतिक विद्वेष में स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी-संघ या इसके नेताओं के खिलाफ जो भी बोलें, उस पर हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन हिंदुत्व, प्रभु राम, रामचरितमानस या साधु-संतों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग और पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को जलाने के बयान पर हम चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने साधु-संतों को कुत्ता कहा है और हिंदुत्व पर हमला बोला है। ऐसे में हमने यह ऐलान किया है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का जो सिर काटेगा, उसे 21 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा, 'हर असंभव काम को संभव करने की नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा हैं, जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं। श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख भी बचता। असली चेहरा भी बेनकाब न होता।' बता दें कि स्वामी प्रसाद ने मानस की चौपाई ढोल-गंवार-शूद्र-पसु-नारी। ये सब ताड़न के अधिकारी। पर आपत्ति जताई थी और रामचरितमानस को बकवास कहा था। उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ। सपा नेताओं ने भी स्वामी के बयान को निजी बताकर उससे किनारा कर लिया।
स्वामी प्रसाद अपने बयान पर अडिग हैं। उनके समर्थकों ने भी विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीते दिनों लखनऊ में स्वामी समर्थकों ने रामचरितमानस के पन्नों को फाड़ा और उसे जला दिया।