इलाहबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, निचली अदालत को दिया गैर जमानती वारंट से पहले समन और जमानती वारंट भेजने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नया फैसला लिया हैं। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पूर्व प्रक्रिया पूरी किए बिना निचली अदालत की ओर से सीधे गैर जमानती वारंट जारी करना गलत है...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नया फैसला लिया हैं। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पूर्व प्रक्रिया पूरी किए बिना निचली अदालत की ओर से सीधे गैर जमानती वारंट जारी करना गलत है। कोर्ट ने निचली अदालत की ओर से जारी आदेश और पूरी प्रक्रिया को रद्द करते हुए निचली अदालत को मामले में नए सिर से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
दरअसल एक मामले में याची के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 504, 506 सहित एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया तो निचली अदालत ने उसका संज्ञान लेते हुए आरोपी को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में कहा कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद पहले समन, फिर पहले जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी करना चाहिए। लेकिन निचली अदालत ने सीधे गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। यह नियम के विरुद्ध है। कोर्ट ने निचली अदालत की ओर से गैर जमानती वारंट के आदेश को रद्द कर नए सिरे से प्रक्रिया पूरी कर आदेश पारित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश सभी अधीनस्थ न्यायालयों में सर्कुलेट करने हेतु भी आदेश पारित किया।