गैंगस्टर अजीत सिंह हत्याकांड: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ STF ने तैयार की चार्जशीट, जानिए क्या हैं आरोप
एसटीएफ के मुताबिक, अब तक की विवेचना, गवाहों के बयान, एफएसएल की रिपोर्ट, कॉल डिटेल व अन्य रिपोर्ट के आधार पर धनंजय सिंह के खिलाफ अभियुक्त की मदद करना या आश्रय देना और मामले की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना न देने (आईपीसी की धारा 212 और 176) का अपराध प्रमाणित हो रहा है।
गैंगस्टर अजीत सिंह हत्याकांड में एसटीएफ ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को चार्जशीट में घटना में शामिल अभियुक्त की मदद करने और मामले की जानकारी पुलिस को न देने को लेकर आरोपी बनाया है। एसटीएफ ने इस मामले में आरोपित बनाए गए सुनील राठी को क्लीन चिट देते हुए विवेचना समाप्त कर दी है। जबकि एसटीएफ ने ही सुनील राठी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
एसटीएफ के मुताबिक, अब तक की विवेचना, गवाहों के बयान, एफएसएल की रिपोर्ट, कॉल डिटेल और अन्य रिपोर्ट के आधार पर धनंजय सिंह के खिलाफ अभियुक्त की मदद करना या आश्रय देना प्रकाश में आया है। इसके अलावा मामले की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना न देने का अपराध प्रमाणित हो रहा है। दोनों ही धाराओं में सात वर्ष से कम की सजा होने के चलते अभियुक्त को 41(1) सीआरपीसी का नोटिस तामील करवाया जा रहा है। चार्जशीट में धनंजय के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, आपराधिक साजिश, साक्ष्य छिपाने व धारा 34 के तहत अपराध में शामिल होना नहीं पाया गया है।
गिरधारी को जानने और सुनील से मुलाकात से किया था इनकार
एसटीएफ को दिए बयान में धनंजय सिंह ने डॉक्टर उर्फ गिरधारी को जानने से इनकार किया है। साथी वेस्ट यूपी के कुख्यात और मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के मुख्य आरोपित सुनील राठी से भी कभी मुलाकात होने की बात को भी नकारा है। वहीं, संदीप बाबा के बारे में पूछे जाने पर धनंजय ने कहा कि उसका नाम सुना है, क्योंकि जौनपुर के कई फर्जी मुकदमों में उसके साथ उनका नाम जोड़ गया था, लेकिन उससे उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है।
याद नहीं डॉक्टर और विपुल से कैसे बात हुई
धनंजय सिंह ने एसटीएफ को दिए बयान में कहा है कि वह अक्सर वॉट्सऐप पर ही बात करते हैं। अजीत सिंह हत्याकांड के समय वह दिल्ली में थे। विपुल सिंह और सुलतानपुर के डॉ. एके सिंह से उनकी बात कैसे हुई उन्हें याद नहीं। धनंजय ने कहा कि उस समय का मोबाइल फोन और नंबर भी अब उनके पास नहीं है।
सुनील राठी की भूमिका नहीं मिली
एसटीएफ ने इस मामले में सुनील राठी को क्लीन चिट दे दी है। एसटीएफ की विवेचना के मुताबिक जेल से मिली सूचनाओं व मोबाइल कंपनियों से मिले डेटा रेकॉर्ड से सुनील राठी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। सुनील राठी के टेलिग्राम ऐप से जुड़े वर्चुअल नंबर के बारे में सूचना मांगी गई थी, लेकिन उससे भी कोई लाभप्रद जानकारी नहीं मिली है।
शूटर रवि यादव को नहीं तलाश पाई एसटीएफ
एसटीएफ वारदात में शामिल शूटर रवि यादव को भी नहीं तलाश पाई है। उसके फोटो को कई सॉफ्टवेयर के जरिए सर्च करवाया गया, लेकिन आधा चेहरा ढका होने के चलते वह मैच नहीं हुई। एसटीएफ ने रवि यादव की तलाश जारी रहने की बात कहते हुए अजीत सिंह हत्याकांड की विवेचना को समाप्त कर दी है।
धनंजय सिंह पर घोषित किया था इनाम
एसटीएफ ने धनंजय सिंह को गंभीर धाराओं में क्लीन चिट दे दी है, लेकिन लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने अजीत हत्याकांड की जांच के दौरान मार्च 2021 में धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। धनंजय पर हत्या व जानलेवा हमले की आपराधिक साजिश रचने और साक्ष्यों को मिटाने का आरोप था। बाद में इस मामले की विवेचना विधानसभा चुनाव से पहले सात जनवरी 2022 को एडीजी एलओ प्रशांत कुमार के आदेश से एसटीएफ को सौंप दी गई थी।