यूपी: मिड डे मिल का पैसा खा गए टीचर, बेईमानो पर बीएसए मेहरबान, शिक्षामित्र ने किया बड़ा खुलासा…
स्कूल के प्रधानाचार्य ने 70 बच्चों की जगह अपनी पत्नी, बेटे, सगे सम्बन्धी सहित खुद रसोई के पांच बच्चों को एक ही क्लास में दिखाकर बच्चों का लाखों रुपये डकार लिया।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में सरकारी स्कूल के छात्र छात्राओं के भरण पोषण का पैसा खुद स्कूल के टीचर खा गए इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब स्कूल के शिक्षा मित्र ने भृष्टाचार के खिलाफ मुहिम खोल दी। मामला बरखेडा ब्लाक के नगरा स्थिति स्कूल का है। दरअसल प्रदेश भर में कोविड काल मे 94 दिन सरकारी स्कूल के छात्र स्कूल नही पहुंच पाए जिसके बदले में सरकार ने स्कूल के छात्र छात्राओं के खाते में कंवर्जन कास्ट का 636 रुपये भेजा था। लेकिन स्कूल के प्रधानाचार्य ने 70 बच्चों की जगह अपनी पत्नी, बेटे, सगे सम्बन्धी सहित खुद रसोई के पांच बच्चों को एक ही क्लास में दिखाकर बच्चों का लाखों रुपये डकार लिया।
हैरत की बात तो यह है इस भृष्टाचार को खुद बीएसए, बेसिक एड़ी ने अपनी जांच रिपोर्ट में भी माना। लेकिन बेईमानो पर कोई कार्यवाही की वजह अधिकारी फरिश्ता बनकर खड़े है। मामला जिले के एक स्कूल का नही बल्कि जिले के हजारो स्कूल में मिड डे के कंवर्जन कास्ट करोड़ो रुपये स्कूल के ही टीचर बीएसए की मेहरबानी से डकार गए।
वही शिकायतकर्ता शिक्षा मित्र कमलेश ने बताया कि मिड डे कंवर्जन कास्ट का 689 रुपये सरकार ने छात्र छात्राओं के खाते में भेजना था लेकिन बरखेडा ब्लाक के नगरा स्कूल में हेड मास्टर ने 70 बच्चों का पैसा अपनी पत्नी, बच्चे रिश्तेदार सहित रसोईया के खाते में डालकर निकाल लिया। मजे की बात है कि रसोइया के पांच बच्चे एक ही क्लास में भी दिखा दिए और लाखों रुपये बच्चे के हक का खा गए। मामला एक स्कूल का है अगर जिले में जांच निष्पक्ष हो तो जिले भर में हजारो स्कूलों में करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आएगा ।
उधर मिडडे मिल के नाम पर हुए जिले में हुए भृष्टाचार बीएसए अमित कुमार से सवाल पूछा तो साहब आए बाए साए हो गए और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में गुणगान करने लगे गजब की बात तो यह है कि खुद बीएसए ने अपनी ही रिपोर्ट में मामले को सही भी पाया। लेकिन इसके बाबजूद कार्यवाही करने की वाक्जाह बेईमानो को संरक्षण देने में जुटे है।