उत्तर-प्रदेश: कानपुर में बारिश के साथ पड़े ओले, दो दिनों से लगातार बिगड़ रहा मौसम; आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा हाल
उत्तर प्रदेश में कानपुर शहर के कुछ हिस्सों में बारिश साथ ओलावृष्टि हुई। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ ही शुक्रवार रात से शुरू हुई बूंदाबांदी शनिवार सुबह वर्षा में बदल गई। शनिवार सुबह से रात तक 11 मिमी वर्षा दर्ज की गई। आज के लिए मौसम विभाग ने वर्षा की संभावना जताई थी ।
उत्तर प्रदेश में कानपुर शहर के कुछ हिस्सों में बारिश साथ ओलावृष्टि हुई। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ ही शुक्रवार रात से शुरू हुई बूंदाबांदी शनिवार सुबह वर्षा में बदल गई। शनिवार सुबह से रात तक 11 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
आज के लिए मौसम विभाग ने वर्षा की संभावना जताई थी। मौसम विभाग के अनुसार बादलों और वर्षा की आवाजाही का दौर सोमवार तक बना रह सकता है। दिन में हुई वर्षा ने किसानों को डरा दिया है। फिलहाल तेज वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को खतरा पहुंचने की आशंका बढ़ गई है।
बादलों के छाने की वजह से शुक्रवार की रात न्यूनतम तापमान सात डिग्री से ज्यादा बढ़कर 18.4 पर पहुंच गया। वर्षा होने से हालांकि अधिकतम तापमान में कमी आई और एक दिन पहले के 29 डिग्री से घटकर 23.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
सीएसए के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडे ने बताया था कि पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही बंगाल की खाड़ी से आ रही हवा ने बारिश का मौसम बनाया है। रविवार को बादल छाए रहने के साथ ही हल्की वर्षा हो सकती है।
फसलों को फायदा, ओलावृष्टि की आशंका ने डराया
शनिवार को हुई वर्षा गेहूं व अन्य फसलों के लिए वरदान मानी जा रही है। इससे खेतों में सिंचाई की जरूरत नहीं रही लेकिन अधिक वर्षा हुई तो नुकसान भी हो सकता है। सीएसए के मीडिया प्रभारी डा. खलील खान ने कहा था कि असामयिक वर्षा के कारण फसलों को अभी नुकसान नहीं है लेकिन यदि ओले या तेज हवा चली तो फसलों को नुकसान हो सकता है। अनुमान सच साबित हुआ।
गेहूं की फसल में सिंचाई न करें और खेत में अधिक पानी भरने की दशा में जल निकासी का प्रबंध करें। सरसों की फलियां 75 प्रतिशत तक सुनहरे रंग की होने पर ही फसल की कटाई करें। उन्होंने कहा कि मौसम साफ होने पर किसानों को उड़द और मूंग की बोआई करनी चाहिए।