यूपी: एक ऐसा भी गांव, बंदर की मृत्यु पर लोगाें ने कराए मुंडन, अब तेरहवीं करने की तैयारी
ताजगंज के श्यामो गांव की घटना। दो बंदरों में हुआ था झगड़ा घायल एक बंदर की हो गई थी मौत। ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में बंदर को दी समाधि। मुंडन कराकर किया बंदर का तीजा। अब गांव में चल रही है बंदर की तेरहवीं कराने की तैयारी।
शहराें में एक तरफ लोग बंदराें के आतंक से त्रस्त हैं। उन्हें पकड़ने के लिए संबंधित विभागाें में फोन खटखटाते हैं। दूसरी तरफ आगरा के पास एक गांव ऐसा भी है, जहां बंदर की मौत के बाद पूरे रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया है और लोगाें ने मुंडन कराया। तीजे के बाद अब तेरहवीं कराने की तैयारी है, जिसका प्रसाद पूरे गांव में बंटेगा।
आगरा ताजगंज क्षेत्र के गांव श्यामो में गुरुवार को ग्रामीणों ने बंदरों के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करने का अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने घायल एक बंदर की मौत के बाद गांव के मंदिर परिसर में उसकी समाधि बनाई। सिर्फ यही नहीं, शुक्रवार को रीति-रिवाज के अनुसार तीजे का कार्यक्रम कर मुंडन कराया। ग्रामीणों का बंदर के प्रति इस प्रेम का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है।
पंचायत घर में बनी समाधि
घटना गुरुवार की है। ताजगंज में शमसाबाद रोड स्थित श्यामो गांव में गुरुवार को बंदरों के बीच जबरदस्त झगड़ा हो गया। जिसमें एक बंदर बुरी तरह से घायल हो गया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। गांव के लोगों ने गुरुवार को ही बंदर को पंचायत घर के मंदिर परिसर के पास समाधि दे दी।
13 दिन तक रहेगा शाेक
सिर्फ यही नहीं शुक्रवार को गांव के लोगों ने हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार ही तीजे का कार्यक्रम कर मुंडन कराया। जिसके बाद प्रसाद का भी वितरण किया गया।
मुंडन कराने वालों में मुरारी लाल स्वर्णकार, रामफूल लोधी, अशोक राजपूत, जितेन्द्र लोधी, शिवशंकर वर्मा आदि है। समाजसेवी विजय सिंह लोधी ने बताया कि 13 दिन तक शोक व्यक्त किया जायेगा। इसके साथ ही पूरे रीति-रिवाज के अनुसार बंदर की तेरहवीं भी की जाएगी।
कुछ साल पहले भी हुआ था ऐसा
इसी गांव में वर्ष 2004−05 में भी इसी तरह की घटना होने पर उस समय भी बंदर का पूरी रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराया गया था। तब भी गांव के लोगाें ने मुंडन कराए थे और इसके बाद तेरहवीं का भाेज आयोजित किया था। बंदराें को भाेज कराने के बाद इंसानाें ने प्रसाद ग्रहण किया था।