आगरा का ऐसा परीक्षा केंद्र जहां न दरवाजे-खिड़की और ना फर्नीचर, बिजली का कनेक्शन भी नहीं
कई अव्यवस्थाओं के बावजूद यूपी बोर्ड ने बनाया परीक्षा केंद्र। हाईस्कूल और इंटर के 641 विद्यार्थियों की होगी परीक्षा। मानक पूरे न होने पर भी केंद्र बनने के बाद उठ रहे सवाल। आगरा में 176 स्कूलों को सेंटर बनाया गया है।
दरवाजे हैं न खिड़की, फर्नीचर है न विद्युत कनेक्शन। कमरों में दो-दो सीसीटीवी कैमरे और वायस रिकार्डर सिस्टम तक नहीं, बावजूद इसके विद्यालय में उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा कराने की तैयारी है। बोर्ड द्वारा जारी प्रथम केंद्र सूची में ऐसे मानक पूरे न करने वाले विद्यालय भी केंद्र बना दिए गए हैं।
जिले के 176 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया
बोर्ड द्वारा जारी पहली सूची में जिले के 176 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इनमें से ही एक है बालूगंज स्थित सहायता प्राप्त हुब्बलाल इंटर कालेज। विद्यालय में बोर्ड ने हाईस्कूल के 327 और इंटरमीडिएट के 314 समेत कुल 641 विद्यार्थियों का केंद्र बनाया है लेकिन विद्यालय में संसाधनों की भारी कमी है। सिर्फ छह कमरों में ही फर्नीचर और एक-एक सीसीटीवी कैमरा व वायस रिकार्डर जैसे संसाधन उपलब्ध हैं, जिनमें 300 परीक्षार्थियों बैठ सकते हैं। शेष कमरों में खिड़की है न दरवाजे, फर्नीचर है न सीसीटीवी कैमरे व वायस रिकार्डर। पीने के पानी तक की व्यवस्था भी नहीं है।
विद्यालय के बाहर लगी टंकी से पानी लाकर विद्यार्थी और शिक्षकों को पीना पड़ता है। इतना भी होता तो कम था। विद्यालय में विद्युत कनेक्शन तक नहीं है, जिससे सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकार्डर सिस्टम व इंटरनेट राउटर जैसी अन्य तकनीकी यंत्र चल सकें।
हर वर्ष होती है यहां बोर्ड परीक्षा
यह हाल तब है जब विद्यालय में हर वर्ष बोर्ड परीक्षा होती है। प्रत्येक चुनाव में इसे मतदान केंद्र भी बनाया जाता है। बावजूद इसके विद्युत कनेक्शन नहीं है क्योंकि विद्यालय पर विद्युत बिल का करीब पांच लाख रुपया बकाया है। भुगतान करने को फंड नहीं है, इस कारण विद्यालय को नया कनेक्शन नहीं मिलता। अस्थाई कनेक्शन लेकर व्यवस्था की जाती है। हालांकि यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों में राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को वरीयता देने के निर्देश दिए थे कि जिन केंद्रों पर प्रत्येक वर्ष परीक्षा होती है, वहां स्थाई सुविधा उपलब्ध कराकर व्यवस्था बनाई जाए, ताकि परीक्षा के बाद विद्यालय पुरानी बदहाल स्थिति में न पहुंचें और विद्यार्थी उन मूलभूत सुविधाओं का लाभ ले सकें।
चोरों के लिए लिखी है विनती
विद्यालय चोरों के निशाने पर रहता है। कुछ वर्ष पहले स्टाफ कार्यालय से कंप्यूटर के साथ किताबें तक चोरी हो चुकी हैं। चोरी की अन्य घटनाएं भी होती रहती हैं। इसे रोकने के लिए रात्रि में एक कर्मचारी की नियुक्ति करने के साथ कार्यालय गेट पर एक मार्मिक अपील लिखी गई है कि चोर भाइयों आप भी कभी किसी विद्यालय के छात्र रहे होंगे। विद्यालय में अत्यधिक गरीब विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस कमरे में कागजात के अलावा कुछ नहीं, इसलिए यहां चोरी न करें।
यह होने चाहिए मानक
बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने के कई मानक हैं। केंद्र पर फर्नीचर व सुविधा संपन्न कमरे, प्रत्येक कक्ष में दो-दो सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकार्डर, इंटरनेट कनेक्शन, सड़क से आसान पहुंच, प्रश्न-पत्र व उत्तर पुस्तिका की सुरक्षा आदि की पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य हैं।
आनलाइन हुआ आवंटन
जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार का कहना है कि विद्यालयों ने अपनी सारी जानकारी आनलाइन पोर्टल पर अपलोड की थी, केंद्र निर्धारण बोर्ड स्तर से हुआ है। हुब्बलाल इंटर कालेज में संसाधनों की कमी है, बोर्ड से निर्देश लेकर आगे की व्यवस्था की जाएगी।
दर्ज कराई आपत्ति
प्रधानाचार्य डा. नवीन कांत शर्मा ने बताया कि संसाधनों की कमी के बाद भी केंद्र बना दिया गया। हमने विभाग में आपत्ति दर्ज कराने के साथ बोर्ड को ई-मेल भेजकर अवगत करा दिया है। या तो विद्यार्थी कम किए जाएं और संसाधन उपलब्ध कराएं, नहीं तो मैदान में फर्श डालकर परीक्षा करानी पड़ेगी।