प्रयागराज: चार बहनों ने पुलिस पर थाने में निर्वस्त्र कर पीटने का लगया आरोप, पीड़िता ने सीएम से लगाई न्याय की गुहार
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से उतरांव थाने से शर्मनाक कर देने वाला मामला सामने आया है। चार लड़कियों ने पुलिस पर निर्वस्त्र कर थाने में पीटने का आरोप लगाया है। चार सगी बहनों ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत के बाद मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर प्रार्थनापत्र दिया। इन बहनों ने दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग की।
उतरांव थाने की पुलिस पर थाने में निर्वस्त्र कर पीटने का संगीन आरोप लगा है। चार सगी बहनों ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत के बाद मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर प्रार्थनापत्र दिया। इन बहनों ने दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग की इधर, पुलिस ने थाने में पीटने के आरोप को झूठा करार देते हुए कहाकि शांति भंग में चालान किया गया था। पुलिस उपायुक्त के आदेश पर एसीपी हंडिया ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। उतरांव इलाके में बसगिद गांव की चार बहनों में तीन शहर में रहती हैं। एक बहन गांव में मां और भाई के साथ है।
पुलिस बोली- शांतिभंग में किया था चालान
आरोप है कि शुक्रवार को गांव में पड़ोसियों ने मां व बेटे-बेटी से मारपीट की। दूसरे दिन शहर से तीनों बहन गांव पहुंची तो पुलिस घर आ गई। पुलिस चारों बहन को थाने ले गई। उतरांव थानाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी का कहना है कि मारपीट की घटना के बाद एक तरफ से चारों बहन और दूसरी तरफ से तीन महिलाओं को थाने लाकर शांति भंग की धारा 151 में चालान किया गया था। इससे इतर, जमानत पर रिहा होने के बाद चार सगी बहनों ने सोमवार को शहर आकर पुलिस उपायुक्त के सामने आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने ले जाकर निर्वस्त्र कर पीटा। जन सुनवाई कर रहे डीसीपी यमुनानगर संतोष मीना ने एसीपी हंडिया सुधीर कुमार को जांच सौंप दी।
सीएम योगी के कार्यालय में दिया प्रार्थनापत्र
एसीपी ने बताया कि जांच पूरी करने के बाद ही वह बता सकेंगे कि सच्चाई क्या थी। पुलिस उपायुक्त से शिकायत के बाद मंगलवार को चारों बहनों ने अपने भाई के साथ लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में प्रार्थनापत्र दिया।
वहां अधिकारियों के सामने उतरांव पुलिस पर थाने में निर्वस्त्र कर डंडे और बेल्ट से पीटने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। इसके पहले भी इनमें एक बहन के साथ दुष्कर्म का मामला थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया जबकि बाकी नहीं पकड़े गए।