अयोध्या : राममंदिर की मजबूती के लिए 500 साल में आए भूकंपों का अध्ययन, ट्रस्ट ले रहा है कई एजेंसियों की मदद
नेपाल सहित अन्य स्थानों पर आए भूकंप के खंगाले जा रहे हैं रिकॉर्ड। एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर होगा नींव से लेकर प्लिंथ का निर्माण।
राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहे इसके निर्माण सामग्री के साथ ही कई बिन्दुओं का भी गहराई से अध्ययन कराया जा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट कई तकनीकी एजेंसियों की मदद ले रहा है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर नींव से लेकर प्लिंथ निर्माण तक का काम कराया जा रहा है। मंदिर एक हजार साल तक सुरक्षित रहे इसलिए ट्रस्ट ने बीते 500 सालों में आए भूकंपों से हुए नुकसान का अध्ययन भी कराया है।
राममंदिर जिस मजबूत आधार पर टिका होगा वह देश के कुछ चुनिंदा मंदिरों में ही देखने को मिलेगा। राममंदिर की नींव 80 फीट गहरी पत्थरों की दीवार से बनी है। इसके ऊपर भी डेढ़ मीटर की पत्थरों की रॉफ्ट ढाली गई है। अब इस रॉफ्ट के ऊपर सात लेयर में करीब 21 फीट ऊंची ग्रेनाइट पत्थरों की चट्टान बिछाई जा रही है। इसी मजबूत चबूतरे पर राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा।
यही नहीं मंदिर को प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान से सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के तीन तरफ 12 मीटर गहरी दीवार भी बनाई जा रही है। ट्रस्ट राम मंदिर की भव्यता व उसकी मजबूती को लेकर गंभीर है। ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि नींव का काम शुरू होने से पहले 500 साल के भूकंप का रिकॉर्ड खंगाला गया है।
दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल होगा राममंदिर
राममंदिर न सिर्फ भव्यता बल्कि तकनीकी के मामले में भी दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल होगा। 8 तकनीकी एजेंसियां निर्माण की निगरानी करती हैं। राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहेगा इसमें कोई शक नही है।
- चंपत राय, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट
अयोध्या में सुरक्षा की दृष्टि से जोन व रेंज स्तर पर भी योजना
अयोध्या में आने वाले दिनों में सुरक्षा की दृष्टि से नए बदलाव देखने को मिलेंगे। धार्मिक नगरी होने से अयोध्या में आने वाले दिनों में सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम होंगे। इसके लिए जोन और रेंज स्तर पर भी प्लान तैयार किया जा रहा है। शासन ने अयोध्या के जिला प्रशासन और एसएसपी से विशेष सुरक्षा वाहिनी के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है।
गृह विभाग के विशेष सचिव प्रशांत कुमार की ओर से पत्र जारी कर कहा कि अयोध्या में एसएसएफ की वाहिनी के लिए जमीन संबंधी प्रस्ताव व रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं। एसएसएफ के अलावा शासन स्तर पर अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की इकाई खोलने और पीएसी के जवानों की मॉनिटरिंग और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अयोध्या में ही पीएसी का सेक्टर मुख्यालय खोलने का भी निर्णय लिया जा चुका है। उस पर काम तेजी से चल रहा है।